छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, वनाधिकार पट्टाधारी किसानों से भी समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएगी धान

रायपुर (छत्तीसगढ़)। राज्य सरकार ने प्रदेश के वनाधिकार पट्टाधारी किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में वन अधिकार पट्टाधारी किसानों से भी समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर खाद्य विभाग द्वारा वन अधिकार पट्टा वाले किसानों के पंजीयन हेतु साफ्टवेयर में आवश्यक प्रावधान किया जा रहा हैं। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव द्वारा ऐसे वन अधिकार पट्टाधारी किसानों का पंजीयन करने के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को जारी किया गया है जिन्होंने अपने पट्टे की भूमि पर धान की फसल बोई है।

जिला कलेक्टरों को जारी निर्देश में कहा गया है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदने के लिए किसान पंजीयन का कार्य प्रचलित है। किसान पंजीयन के संबंध में अब ऐसे किसान जिनके पास वन अधिकार पट्टा है और उन्होंने इस भूमि पर धान की फसल बोई है उनका भी धान खरीदी के लिए किसान पंजीयन किया जाए। जिले में ऐसे कुल किसानों की संख्या और धान का कुल रकबा की जानकारी से एनआईसी और विभाग को ई-मेल और पत्र के माध्यम से अवगत कराया जाए। निर्देश में बताया गया है कि साफ्टवेयर में वन अधिकार पट्टा वाले किसानों के पंजीयन के लिए आवश्यक प्रावधान किया जा रहा है।
विभागीय साफ्टवेयर के अनुसार 1288 समितियों में से अभी भी 20 समितियों में किसान पंजीयन का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। इनमें बलरामपुर में 10, सरगुजा और सूरजपुर में 3-3, कवर्धा में 2, रायगढ़ और नारायणपुर में एक-एक समितियां है। इन समितियों में भी किसान पंजीयन का कार्य शीघ्र प्रारंभ किए जाने और पिछले साल के कैरी फारवर्ड किसानों के खसरा प्रविष्टी के कार्य में तेजी लाने के निर्देश कलेक्टरों को दिए गए हैं। बता दें कि किसान पंजीयन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तक निर्धारित है।