मोदी आर्मी का आरोप, महापौर की उदासीनता से बनी दुर्ग शहर में लॉकडाउन की स्थिति

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मोदी आर्मी ने आरोप लगाया है कि दुर्ग महापौर की उदासीन रवैये के कारण शहर को एक बार फिर से लॉकडाउन जैसी अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। संगठन ने उन्हें अस्वस्थ होने का हवाला देते हुए शीघ्र स्वास्थ्य होने की कामना के साथ फूल भेजे हैं। उन्होंने कहा कि महापौर स्वयं स्वस्थ होंगे तभी शहर वासियों को स्वस्थ रख पाएंगे।
जारी वक्तव्य में मोदी आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष वरुण जोशी ने बता है कि जिला प्रशासन द्वारा लॉकडाउन लगाए जाने के पीछे तर्क दिया गया है कि महापौर सहित अन्य जनप्रतिनिधि मंडल व कुछ व्यवपारी संगठन के सलाह पर शहर को लॉक डाउन किया जा रहा हैं। ऐसे में मोदी आर्मी संगठन का मानना है दुर्ग शहर के महापौर स्वयं अस्वस्थ्य हैं जिन्हें फ़ूल भेंट कर हम उनके उत्तम स्वस्थ की कामना करते हैं। वो ना ही उदासीन होते और ना ही ऐसी सलाह कलेक्टर को देते। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन दो सप्ताह के लिए पूर्व में भी लॉक डाउन घोषित कर चुका है। शहर खुलने के बाद से महापौर का मुख्य काम था, शहर के इन्दिरा मार्केट सहित मुख्य बाजारों व वार्डो को दिनचर्या आरम्भ होने से पूर्व और बाज़ार बन्द होने के बाद सेनेटाइज करवाते। मगर यह उनसे नहीं हुआ, शहर में बने सामाजिक भवनों को कोविड सेंटर बनाने के लिए सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों से चर्चा करते यह भी उनसे नहीं हुआ। अपनी सरकार से ही चर्चा कर शराब दुकानों को संचालन नहीं करने की मांग करते यह भी उनसे नहीं हुआ। सरकार नहीं सुनती तो जिला प्रशासन से अनुरोध करके शराब दुकानों में मास्क और सेनेटाइज अनिवार्य करवाते। मगर यह भी उनसे नहीं हुआ। महापौर ने बिना सोचे समझे लॉक डाउन की मांग प्रशासन से कर दी। जिससे मध्यम व छोटे वर्ग के लोगों के लिए रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो रही है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या इस लॉक डाउन से कोरोना पर हम अंकुश लगा पाएंगे। जबसे यह आदेश लागू करने की घोषणा की गई बाजारों में दौगुनी भीड़ लग गई। लोगों में इस बात की भी शंका रही की दस दिनों का लॉक डाउन कहीं लंबा न हो। इसलिए शहर के हर निवासियों ने अधिक राशन लेने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को आवश्यक नहीं समझा और प्रशासन भी बाजार में मंहगे दामों पर मिल रहे वस्तुओं पर नियंत्रण नहीं कर सका। आज छोटे व्यापारी और शहर वासी तो घर में बैठ गए मगर जब यह लॉक डाउन हटेगा तो क्या शराब दुकानों में होने वाली भीड़ पर अंकुश लगेगा शायद नहीं। हम कोरोना से लड़ने के लिए न ही सही नियत ला पाए और न ही कोई नीति बना पाए। केंद्र सरकार के गाइड लाइन के अनुसार सिर्फ हमें कंटेंटमेंट जॉन ही घोषित करना था। मगर शहर के विभिन्न वार्डो में पीड़ित मिलते गए और कोई भी वार्ड कंटेंटमेट में तब्दील नहीं किया गया। इसलिए हमें लगता है कि शहर के प्रथम नागरिक ही अस्वस्थ हैं तो शहर कैसे स्वस्थ होगा। इस दौरान मोदी आर्मी के वरुण जोशी, मितेश पटेल, शुभम यादव, दुर्गेश रामटेक, धीरज, यज्ञकांत यादव उपस्थित रहे।

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