नई दिल्ली। एनडीए सरकार द्वारा लाए गए किसान बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी ध्वनित से पारित हो गए। इस बिल को लेकर जहां पंजाब और हरियाणा में किसानों जबरदस्त विरोध प्रदर्शन जारी है। वहीं राज्यसभा भी जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्षी दल के आप और टीएमसी के सांसद वैली में घुस गए। इस हंगामे के बीच सांसदों द्वारा उपसभापति का माइक भी तोड़ दिया। विपक्षी सांसद तानाशाही बंद करो की नारेबाजी करते नजर आए। हंगामे के कारण सदन की कार्रवाई 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सदन की कार्रवाई को नियम विरुद्ध बताते हुए उपसभापति के आसन के सामने सदन की कार्यवाही नियमों की प्रति फाड़ दी। ध्वनिमत से बिल पास होने के बाद सदन की कार्रवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
किसानों को कमज़ोर समझनै की भूल न करे सरकार
किसान बिल के मुद्दे पर बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने सीधे-सीधे सरकार को चेतावनी दी. पार्टी सांसद नरेश गुजराल ने बिल पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि बिल को पहले सेलेक्ट कमेटी में भेजा जाय, ताकि उसके हितधारकों का पक्ष जाना जा सके। गुजराल ने सरकार को चेतावनी दी कि किसानों को कमजोर समझने की भूल सरकार न करे.
सरकार ने की संसदीय लोकतंत्र की हत्या
टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार पर संसदीय लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया। बीजेपी सांसद रूप गांगुली ने इस पर पटलवार करते हुए कहा कि इन दोनों बिलों में किसानों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं है। आप इन बिलों को पढ़िए आप पाएंगे कि इसमें कुछ भी किसान विरोधी नहीं है।लोकतंत्र की हत्या तो पश्चिम बंगाल में हो रही है जहां हर रोज 2 लोग मारे जाते हैं। इस कानूनों के जरिए देश में दलाल राज खत्म हो जाएगा।