कृषि विधेयक, कार्पोरेट को लाभ पहुंचाने की साजिश, हर फसल पर अधिक समर्थन मूल्य घोषित करे मोदी सरकार : राजेन्द्र साहू

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजेंद्र साहू ने केंद्र सरकार के कृषि विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए कहा है कि इससे देश के लाखों किसानों को जबर्दस्त आर्थिक नुकसान होगा। यह विधेयक किसान विरोधी होने के साथ-साथ जनविरोधी भी है। कृषि विधेयक से कार्पोरेट घराने मुनाफा कमाएंगे जबकि किसान एग्रीमेंट के जाल में फंस जाएंगे। किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य तक नहीं मिल पाएगा।
राजेंद्र ने कहा कि इस विधेयक के लागू होने पर कार्पोरेट घराने किसानों से एग्रीमेंट करेंगे। किसानों की फसल या उपज खरीदकर पूंजीपति घराने जमाखोरी करेंगे। भरपूर भंडारण करने के बाद कालाबाजारी भी करेंगे और मुनाफा कमाएंगे। कार्पोरेट घरानों के शिकंजे में आने से किसानों को अपनी खेती की जमीन से भी वंचित होना पड़ सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि सहकारी समितियां और कृषि उपज मंडी किसानों को संबल प्रदान करते हैं। केंद्र सरकार के विधेयक से सहकारी समिति संस्था और मंडी व्यवस्था धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी। कृषि विधेयक के आने से सहकारी समितियों के माध्यम से बीज-खाद खरीदी और नगद ऋण लेने की व्यवस्था के साथ समर्थन मूल्य पर फसल खरीदी व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।  
राजेंद्र ने कहा कि मोदी सरकार ने जीएसटी और नोटबंदी लागू करते समय इसे देश हित में बताया था। दावा किया गया कि इससे महंगाई, बेरोजगारी, कालाबाजारी और आतंकवाद में कमी आएगी। लेकिन इससे गिने-चुने उद्योगपतियों और पूंजीपति घरानों को फायदा हुआ। मोदी सरकार अब कृषि विधेयक लाकर कार्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने का प्रयास कर रही है। राजेंद्र ने दावा किया कि यह विधेयक भी जीएसटी और नोटबंदी की तरह जन विरोधी और किसान विरोधी साबित होगा।     
कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार की विनाशकारी नीतियों के कारण पिछले 6 साल में देश में महंगाई और बेरोजगारी लगातार बढ़ी और अब चरम सीमा पर पहुंच चुकी है। आतंकी गतिविधियां भी बढ़ी हैं। खुले बाजार में 2 हजार रुपए के नोट गायब होने लगे हैं। देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। सरकार सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में बेच रही है।
राजेंद्र ने कहा कि अगर मोदी सरकार को वास्तव में किसानों की फिक्र है और किसानों को सही मायनों में लाभ पहुंचाना चाहते हैं तो किसानों की हर फसल का समर्थन मूल्य ज्यादा से ज्यादा बढ़ाने का साहसिक फैसला करें। पूरे देश में किसानों की हर फसल की खरीदी बढ़े हुए समर्थन मूल्य पर करने से संबंधित विधेयक लाएं। केंद्र सरकार किसान विरोधी कृषि विधेयक लाकर किसानों और देशवासियों पर कुठाराघात करने वाले फैसले लेना बंद करे।

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