दुर्ग (छत्तीसगढ़)। स्वतंत्रता दिवस से कलेक्ट्रेट परिसर में गढ़कलेवा आरंभ हो जाएगा। गढ़कलेवा में छत्तीसगढ़ के परंपरागत सूखे आइटम जैसे ठेठरी, खुरमी, बड़ी, बिजौरी आदि के साथ ही चीला, फरा जैसे नाश्ते की सुविधा उपलब्ध होंगे। छत्तीसगढ़ के परंपरागत व्यंजनों को आगे बढ़ाने की छत्तीसगढ़ शासन की मंशा के मुताबिक कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कलेक्ट्रेट कैंपस में भी गढ़कलेवा आरंभ करने के निर्देश दिए थे। इस संबंध में तैयारियां पूरी हो जाने के बाद स्वंतत्रता दिवस के शुभ दिन के अवसर पर इसका शुभारंभ करने का निर्णय लिया गया।
गढ़कलेवा का संचालन एनयूएलएम के स्वसहायता समूह द्वारा किया जाएगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए डिप्टी कलेक्टर दिव्या वैष्णव ने बताया कि कलेक्ट्रेट परिसर में आने वाले नागरिकों को और कलेक्ट्रेट परिसर में काम कर रहे अधिकारी, कर्मचारियों को छत्तीसगढ़ी नाश्ता मिल सके, इस उद्देश्य से गढ़कलेवा आरंभ किया जा रहा है। इसमें सभी तरह के छत्तीसगढ़ी व्यंजन रखे जाएंगे। उन्होंने बताया कि कलेक्ट्रेट से भी अधिकारी-कर्मचारियों की इच्छा थी कि छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को लेकर गढ़कलेवा इस परिसर में आरंभ किया जाए। साथ ही रोज बड़ी संख्या में लोग काम के सिलसिले में यहां आते रहते हैं। गढ़कलेवा आरंभ होने से छत्तीसगढ़ी जायका लोगों को मिल सकेगा। जिला प्रशासन द्वारा लगातार यह कोशिश की जा रही है कि छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की पहचान को पुनः केंद्रीय जगह मिल सके। प्रमुख आयोजनों में नाश्ते में छत्तीसगढ़ी व्यंजन परोसे जा रहे हैं। बड़े आयोजनों में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के स्टाल भी लगाए जा रहे हैं। इनके माध्यम से छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को प्रचार-प्रसार तो मिलता ही है इन्हें बनाने वाली स्वसहायता समूहों की महिलाओं की भी अच्छी खासी आय हो जाती है। कलेक्ट्रेट कार्यालय में गढ़कलेवा आरंभ होने से शहर के बिल्कुल मध्यस्थल में ही लोगों को छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का स्वाद लेने का अवसर मिल सकेगा। यहां उन्हें बहुत सारी वैरायटी भी मिल पाएगी। दिव्या वैष्णव ने बताया कि इसके लिए आधारिक संरचना तैयार करने का काम प्रशासन ने किया है। इसका संचालन स्वसहायता समूहों द्वारा किया जाएगा। नागरिकों को स्वादिष्ट नाश्ता तो मिलेगा ही, लोगों को भी इसके माध्यम से रोजगार मिल सकेगा।