दुर्ग (छत्तीसगढ़)। जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक द्वारा गंदगी मुक्त भारत अभियान की जानकारी देने हेतु ग्राम पंचायत, सरपंच सचिवों के साथ ई चैपाल का आयोजन वेबैक्स के माध्यम से किया गया। जिसे सीजी स्वान दुर्ग द्वारा कनेक्ट किया गया। जिसमें सरपंचों द्वारा अपने ही ग्राम से मोबाइल के माध्यम से ई चौपाल में कनेक्ट होकर चर्चा की गई। ग्राम पंचायत को ओडीएफ प्लस की श्रेणी में लाने हेतु संयुक्त प्रयास करने की जानकारी दी गई।
आपको बता दें कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय नई दिल्ली एवं राज्य स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण रायपुर द्वारा राज्य स्वच्छता पुरस्कार 2020 की रूपरेखा तैयार की गई है। जिसमें पूरे राज्य में 4.34 करोड़ के पुरस्कार जिला एवं राज्य स्तर पर प्रदाय किए जाएंगे।
इस अभियान में आयोजित 15 विभिन्न गतिविधियों अंतर्गत चयनित प्रतिभागियों को 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जयंती के अवसर पर जिला एवं राज्य स्तर पर आयोजित कार्यक्रम में पुरस्कृत किया जाएगा। ई चौपाल में बताया गया है कि खुले में शौच मुक्त ग्राम पंचायत घोषित होने के पश्चात अगले चरण में ओडीएफ प्लस अभियान इस वर्ष से प्रारंभ किया गया है। जिसमें दुर्ग जिले में ऐसी ग्राम पंचायतें जहां खुले में शौच मुक्त के साथ-साथ सामुदायिक शौचालय, ग्राम पंचायत में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन के उचित निपटान की व्यवस्था, स्व सहायता समूह द्वारा सक्रिय रुप से कार्य किया जा रहा है। ऐसे कुल आठ बिंदुओं पर कार्य पूर्ण किया जा चुका है, उन ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस की श्रेणी में रखा जाना है। जिसे 15 अगस्त से प्रारंभ होने वाली ग्राम सभाओं में प्रस्ताव पारित कर ओ.डी.एफ. प्लस घोषणा हेतु प्रस्तावित किया जाना है। ओ.डी.एफ. प्लस का घोषणा प्रमाण पत्र ग्राम पंचायत सरपंच एवं सचिव के माध्यम से कार्यालय जनपद पंचायत को प्रेषित किए जाएंगे। कार्यालय जनपद पंचायत द्वारा सत्यापन कर जिला पंचायत को प्रस्ताव भेजा जाएगा। जिला स्तरीय दल द्वारा ओडीएफ प्लस गांव की पुनः परीक्षण किया जाएगा इसके बाद राज्य द्वारा गठित अंतर्जिला स्तरीय दल द्वारा ग्राम पंचायत में ओडीएफ प्लस के मापदंडों की जांच कर गांव को ओडीएफ प्लस घोषित किया जाएगा। ओडीएफ़ प्लस घोषणा में यदि सर्वेक्षण दल द्वारा कोई कमी पाई जाती है तो उसे पूर्ण करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा। इस प्रकार कुल 90 दिनों में ओडीएफ प्लस घोषणा की जाएगी। जिसके आधार पर 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर पुरस्कार दिया जाएगा।
जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया गया है कि सिंगल यूज प्लास्टिक अर्थात ऐसे प्लास्टिक जिसे हम एक बार उपयोग करने के पश्चात बाहर खुले में फेंक देते हैं। इस प्रकार के प्लास्टिक अत्यंत हानिकारक एवं पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले होते हैं। जो कि ग्राम के पर्यावरण एवं स्वच्छता को प्रभावित करते हैं। ऐसे प्लास्टिक को ग्राम सभा में प्रतिबंध करने का प्रस्ताव पारित करते हुए प्लास्टिक को कड़ाई से प्रतिबंधित करने के लिए जुर्माना भी लगाया जा सकता है। पूर्व से जो प्लास्टिक ग्राम पंचायतों में हैं उन हानिकारक प्लास्टिक को सुरक्षित निपटान करने के लिए अभियान चलाया जाए। सार्वजनिक स्थानों पर फैले हुए प्लास्टिक को एकत्र करने के पश्चात प्रोसेसिंग करके सड़क निर्माण कार्य में उपयोग किया जा सकता है। आगामी योजना में विकासखंड स्तर पर प्लास्टिक प्रोसेसिंग कर सड़क निर्माण के लिए उपयोग किए जाने हेतु मशीन लगाने का भी प्रावधान किया जा रहा है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन अंतर्गत सभी गांव में सेग्रीगेशन शेड का निर्माण किया जाएगा। जिसमें सभी ग्राम पंचायतों में कचरा के सुरक्षित निपटान की व्यवस्था की जाएगी सभी ग्राम में कम से कम एक सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने समस्त सरपंचों को अधिक से अधिक प्रतियोगिता में प्रतिभागी बनने के लिए प्रेरित किया गया। जिससे की अधिक से अधिक राज्य स्वच्छता पुरस्कार दुर्ग जिले को प्राप्त हो सके।
ई चैपाल में उमा रिगरी, सरपंच, ग्रा.पं. पुरई, गीता महानंद, सरपंच ग्रा.पं. रिसामा, रात्रि चंद्राकर, सरपंच, ग्रा.पं. कुथरेल, घनश्याम गजपाल, सरपंच,ग्राम पंचायत करगाडीह, आशा बाई देशमुख, सरपंच, ग्रा.पं. आलबरस, वामन साहू, सरपंच ग्रा.पं. नंदनी खुंदनी, त्रिलोकीराम पटेल, सरपंच, ग्रा.पं. खिलोराकला, गयाराम साहू, सरपंच, ग्रा.पं. बसनी, ज.पं. धमधा एवं अशोक रिंगवानी, सरपंच, ग्रा.पं. असोगा, अशोक साहू, सरपंच, ग्रा.पं. तर्रीघाट, पालेश्वर ठाकुर, सरपंच, ग्रा.पं. मर्रा, मनीष पटेल, सरपंच, ग्रा.पं. तेलीगुण्डरा, राकेश आडिल, सरपंच, ग्रा.पं. कसही व अन्य ग्राम पंचायतों के सरपंच सम्मिलित हुए। सभी सरपंचों द्वारा भी इस अभियान में अधिक से अधिक गंदगी मुक्त गांव तैयार करने एवं ओडीएफ प्लस गांव घोषित करने हेतु प्रयास करने के लिए अपनी सहमति दी।