दुर्ग (छत्तीसगढ़)। रविवार एवं शासकीय अवकाश के दिनों में गोबर की खरीदी नहीं की जाएगी। शेष दिनों में पूरे जिले में गोबर की खरीदी सुबह 9 बजे से 12 बजे तक होगी। यह निर्देश कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज नरूवा, गरुवा, घुरूवा, बाड़ी योजना की समीक्षा के दौरान दिये।
कलेक्टर ने कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत प्रथम भुगतान हो चुका है और इससे काफी उत्साह की स्थिति बनी है। अब इससे गौठान में गोबर की आवक तेजी से बढ़ेगी। ऐसी स्थिति में वर्मी टांके पर्याप्त होने चाहिए। गौठानों में दस वर्मी टांके अतिरिक्त बनाने के निर्देश दिये गए थे। पंचायतों में पशुधन की स्थिति एवं गोबर की आवक की संभावना को देखते हुए अतिरिक्त वर्मी टैंक बनाने का निर्णय लें। इसके साथ ही नाडेप टैंक का उपयोग भी वर्मी टांके के रूप में कर सकते हैं। कलेक्टर ने कहा कि गौठान तभी बेहतर तरीके से काम करेंगे जब यहां पर पानी और चारे की पर्याप्त उपलब्धता हो, साथ ही चरवाहे की भूमिका भी अहम है। गांव में पशुपालकों को अपील करें कि अपना पशुधन गौठान में लाएं। हर ग्राम पंचायत में गौठान होने चाहिए। वर्मी टैंकों के लिए केंचुए की उपलब्धता भी आवश्यक है। इसके लिए अगले दो-तीन दिनों में सभी गौठानों में वर्मी कंपोस्ट के लिए केंचुए की उपलब्धता की मानिटरिंग कर लें। कलेक्टर ने कहा कि गौठान में मछलीपालन और मुर्गीपालन जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देना है। सभी सीईओ ने बताया कि मुर्गी शेड के लिए चिन्हांकित जगहों पर कार्य करा लिया गया है। कलेक्टर ने इनके लिए चूजें प्रदाय करने के निर्देश पशुधन विकास विभाग के अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने शहरी क्षेत्र के गौठानों के लिए भी निगम कमिश्नरों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि 20 अगस्त को भुगतान की अगली तिथि है। इस समय तक पुख्ता तैयारियां करा लें। कलेक्टर ने कहा कि गौठानों में नियमित मानिटरिंग करते रहें। यहां चारे और पानी की उपलब्धता पर नजर रखें। उन्होंने कहा कि सबसे अहम है कि गांव का पशुधन गौठान में पहुंचे। इसके लिए गौठान समितियों की अहम भूमिका है। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत जो वर्मी कंपोस्ट बिकेंगे, उनमें गौठान समितियों का हिस्सा भी होगा। इसके माध्यम से वे गौठान की बेहतरी के लिए निर्णय ले पाएंगे।