लॉकडाउन के खिलाफ व्यापारियों ने खोला मोर्चा, कैट ने दी कारोबार चालू करने की चेतावनी

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। व्यापारी संगठन कैट की जिला इकाई ने लॉकडाउन 6 अगस्त के बाद बढाएं जाने की स्थिति में इसका विरोध करने का निर्णय लिया है। संगठन ने कहा है कि यदि शासन या प्रशासन द्वारा लॉकडाउन को और बढ़ाया जाता है तो व्यापारी इसका विरोध करेंगे। व्यापारियों द्वारा स्वयं ही कारोबार को प्रारंभ कर दिया जाएगा।
कैट की जिला इकाई अध्यक्ष प्रहलाद रूंगटा ने जारी वक्तव्य में बताया है कि संगठन द्वारा व्यापारियों से  अपील की गई है कि 6 तारीख को लॉकडाउन समाप्त नहीं होता है और व्यापार यथावत बंद रहता है तो बाजार के सभी दुकानों को स्वमेव खोला दी जाए। सभी व्यापारी अपने दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें ।
इसके लिए समय सीमा निर्धारित करते हुए उन्होंने कहा कि दुकान सुबह 9:00 बजे खुले और 2:00 बजे बंद हो जाए। आवश्यक सेवाएं देने वाले व्यापारी अपनी दुकानों को सुबह 6:00 बजे खोलें और 2:00 बजे बंद करें। हम सब व्यापारी अपने स्वयं के व्यापार हित, अपने कर्मचारियों के जीवन की रक्षा और शहर के उभोक्ताओं को सही मूल्य पर सही सामग्री प्रदान कर राष्ट्र हित में अपना योगदान दें ।
उन्होंने आगे कहा है कि शासन के बेतुके निर्णय का खुला विरोध किया जाए। ऐसे किसी भी आदेश का पालन न करें कि रात्रि में जारी हो और सुबह पालन करने के निर्देश हो। दुर्ग भिलाई के व्यापारियों से सामूहिक निर्णय लेने में मदद की अपील की गई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि किसी एक व्यापारी को शासन और प्रशासन प्रताडि़त करने की कार्रवाई करता है तो पूरा व्यापारी समाज उस व्यापारी के साथ खड़े होने की क्षमता रखें। तानाशाही प्रवृत्ति अपनाकर शासन में बैठे हुए जिम्मेदार लोग यदि शहर के उपभोक्ताओं को तकलीफ देने व्यापार को अपनी मर्जी से चलाने के दिशा निर्देश जारी करते हैं, तो उसका भी खुला विरोध हर स्तर पर होना चाहिए ।
सरकार स्पष्ट करे नीति, दे मुआवजा
उन्होंने आरोप लगाया है कि संक्रमण राज्य सरकार की गलत नीतियों के कारण फैल रहा है। व्यापार जगत का इसमें कहीं कोई रोल नहीं है अचानक बंद करना अचानक खोलना भीड़ को आमंत्रण देने का कार्य राज्य शासन स्वयं कर रहा है। जिसका हम सब का विरोध करते हैं और राज्य शासन को पुनः अनुरोध करते हैं कि उन्हें लगता है कि दुकानों के कारण ही संक्रमण फैलता है तो शासन स्पष्ट करे कि लगातार 5 माह से बंद दुकानों को और कितने दिनों तक बंद रखे जाने की योजना है। कोरोना के संक्रमण से  राज्य की सरकार  कब तक मुक्त कर सकती है। हम सभी दुकानदार संक्रमण की मुक्ति के लिए अपनी दुकानों को स्वयमेव बंद कर देंगे। इसके साथ ही सरकार शराब की दुकानों को ठेले खोमचे में चलने वाले छोटे छोटे व्यापार को प्रतिबंधित करें। उनके रोजगार की व्यवस्था करें। व्यवस्था नहीं कर सकती है तो ठेले खोमचे चलाने वाले परिवार को मुआवजा देकर उनके जीवन की रक्षा के लिए आवश्यक प्रयास करें ।
संगठन ने चेतावनी दी है कि राज्य सरकार तुगलकी निर्णय न लेह व्यापार को शांति पूर्वक चलाने में मदद करें। सकरे मार्गो में वन वे मार्ग घोषित करें ट्रैफिक एवं पुलिस की व्यवस्था व्यस्त मार्गों पर करें व्यस्त बाजार क्षेत्र में करें, ताकि आम जनता भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आवश्यकतानुसार सामग्री बाजार से प्राप्त कर सके। संगठन ने शासन के सभी जिम्मेदार जन प्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि व्यापार हित एवं जनहित को ध्यान में रखते हुए हमें अपना संबल प्रदान करें और राज्य शासन को भी अपना सुझाव दें। जिससे व्यापार यथावत चलता रहे। संक्रमण से मुक्ति के लिए आम उपभोक्ताओं को हम सब जागृत करें। मास्क पहनकर बाजार में आने का निवेदन करें। ज्ञानचंद जैन में राज्य शासन से अनुरोध किया है कि अनावश्यक अशांति का वातावरण ना बने इस दिशा में 7 अगस्त से बाजार को समय का ध्यान रखते हुए खोलें और आम उपभोक्ताओं को राहत दे। उन्होंने पूछा है कि क्या केंद्र व राज्य सरकार हमारे घाटे की भरपाई करेगा। बैंक ऋण ईएमआई के ऋणों पर लगने वाले ब्याज से हमें राहत दिलाएगा। क्या किराए पर दुकान लेकर चलाने वाले दुकानदारों के किराए की राशि राज्य शासन मकान मालिकों को देने में मदद करेगा। यह सब ऐसे सवाल हैं जो हम पर भारी हैं। यदि इन सब ऋण से मुक्ति हमें नहीं मिलती है या हम बैंक की देय राशि का भुगतान नहीं करते हैं, तो न केवल व्यापारी वर्ग अपितु उस पर आश्रित कर्मचारियों के परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो जाएगा। दुकाने नहीं खुलने से शहर के उपभोक्ताओं को समय पर जब राशन नहीं मिलेगा उनके आवश्यकता की सामग्री नहीं मिलेगी तो जब बाजार खुलेगा तो लूटपाट की स्थिति और अशांति का वातावरण बनने की संभावना भी बनी रहेगी। ऐसी स्थिति में प्रशासन व शासन गंभीरता से विचार करे।

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