मध्य प्रदेश सरकार राज्य में डॉक्टरों की कमी दूर करने और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बड़ा कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि राज्य में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। उन्होंने यह जानकारी इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स के 2 दिवसीय निवेश मंत्रणा कार्यक्रम के दौरान दी।
30 मेडिकल कॉलेज और 5000 सीटें
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि 2003-04 तक मध्य प्रदेश में केवल 5 मेडिकल कॉलेज थे, जिनमें अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए सिर्फ 400 सीटें थीं। राज्य सरकार ने हाल के वर्षों में नीमच, मंदसौर और सिवनी में नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए हैं। प्रदेश में पहले से मौजूद 13 निजी मेडिकल कॉलेजों को मिलाकर अब राज्य में कुल 30 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं, जिनमें अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के लिए 5000 सीटें उपलब्ध हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की ओर कदम
मेडिकल कॉलेजों की बढ़ती संख्या से न केवल राज्य में डॉक्टरों की कमी दूर होगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच भी ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों तक बढ़ेगी। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल से राज्य में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा का विस्तार होगा और चिकित्सा के क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।