रायपुर, 21 जून: छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन का निर्णय लिया है।
मंत्रिमंडल ने इस फैसले के तहत इन प्राधिकरणों की कार्य प्रणाली को प्रभावी और सशक्त बनाने का निर्णय लिया है। इन प्राधिकरणों के कार्य में जनसुविधा के कामों को गति प्रदान करने का उद्देश्य रखा गया है।
इस निर्णय के तहत, इन पांच प्राधिकरणों की कमान अब सीधे मुख्यमंत्री के हाथ में होगी। क्षेत्र के स्थानीय विधायकों में से एक विधायक को इन प्राधिकरणों का उपाध्यक्ष मनोनीत किया जाएगा। साथ ही, क्षेत्रीय विधायक इन प्राधिकरणों के सदस्य भी होंगे।
वर्ष 2004-05 में बस्तर, सरगुजा एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का गठन तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया था। 2012 में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया गया था। इन प्राधिकरणों के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हुआ करते थे।
इन प्राधिकरणों के गठन के बाद, अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों, अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों, मजरा-टोला, पारा-मोहल्लों, वार्ड और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी आवश्यकताओं के कई महत्वपूर्ण कार्य कराए गए थे।