दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कोविड संकट में बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के प्रवासी नागरिक अपने घरों को वापिस आ रहे हैं। इस संकट में उनको दो वक्त का भोजन मिल सके इसलिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उनके लिए निःशुल्क खाद्यान्न की व्यवस्था की जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की कोशिश है कि किसी को भी भूख न रहना पड़े।अन्य राज्यों से वापस आये छ.ग. के प्रवासी व्यक्तियों जो राज्य या केंद्र की किसी भी योजना के अंर्तत राशनकार्डधारी नहीं है, उन्हें माह मई एवं जून में प्रति सदस्य 5 किलो खाद्यान्न निःशुल्क प्रदाय किया जाएगा । श्रम विभाग के समन्वय से प्रवासी श्रमिकों की पहचान की जाएगी। इसके लिए डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। सार्वभौम पीडीएस के तहत एपीएल राशनकार्ड की डाटा एंट्री किये जाने का कार्य जिन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने किया है उनको ही प्रवासी व्यक्तियों के परिवार की डाटा एंट्री करवाने की जिम्मेदारी दी गई है। खाद्य विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार प्रत्येक प्रवासी व्यक्तियों की डाटा एंट्री में उनका नाम, पिता-पति का नाम, प्रवास से आए सभी सदस्यों का नाम, आधार एवं मोबाईल नंबर की एंट्री कराई जाएगी। यदि एक परिवार में एक से अधिक सदस्य प्रवास से वापस लौटे है तो उन सभी के नामों की एंट्री एक साथ की जाएगी। परिवार के सभी सदस्यों के आधार नंबर की एंट्री अनिवार्यतः की जानी है तथा प्रत्येक परिवार की एंट्री में एक सदस्य के मोबाईल नंबर की एंट्री अनिवार्य रूप से की जाएगी ताकि खाद्यान्न वितरण की पावती संबंधित परिवार को उनके द्वारा दर्ज मोबाईल नंबर पर एसएमएस के द्वारा दी जा सके।