दुर्ग (छत्तीसगढ़)। भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप में अन्य राज्यों से आ रहे श्रमिकों को राहत देने जन समर्पण सेवा संस्था संस्था द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। श्रमिकों को भोजन उपलब्ध कराने के साथ उन्हें जमीन की तपिश से बचाने नई चप्पलें भी प्रदान की जा रही है।
इन दिनों कोरोना संकट के चलते कई राज्यों से मजदूर अपने घर की ओर पलायन कर रहे है। ऐसे में लाॅकडाउन के प्रथम दिवस से सेवा कर रही जन समर्पण सेवा संस्था ने मानवता की एक नई मिसाल पेश करने की पहल की है।
संस्था द्वारा शासन प्रशासन के सहयोग से अपने घर जा रहे मजदूरों को निशुल्क भोजन के साथ साथ उनको उनके गन्तव्य स्थान एवं क्वांरटाईन सेन्टर तक पहुँचाने के कार्य कर रही है। वहीं अब संस्था ने नंगे पैर चल रहे मजदूरों, उनके बच्चों को नए जूते-चप्पल भी भेंट करना शुरू किया है।
संस्था के प्रमुख बंटी शर्मा ने बताया कि संस्था द्वारा प्रतिदिन जरूरतमन्दों एवं पैदल चल रहे मजदूरों के भोजन वितरण के समय यह बात सामने आई कि कई मजदूरों एवं उनके बच्चो के पैरों में जूते चप्पल नहीं है। जिससे उन्हें चलने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। यह परेशानी देख संस्था के सदस्यों ने तत्काल 30 नग नए चप्पलों की व्यवस्था की। बालोद, बिलासपुर एवं बेमेतरा जाने वाले मजदूरों को नयी चप्पल भेंट की और सभी मजदूरों को भोजन वितरण किया।
दुर्ग जिले में जन समर्पण सेवा संस्था जोकि विगत 3 वर्षों से गरीब, असहाय एवं जरूरतमंदों को प्रतिदिन भोजन खिलाती आ रही। यह संस्था वर्तमान में विश्वव्यापी महामारी के बीच भी अपनी सेवा निरन्तर जारी रखी हुई है। विकट परिस्थिति को देखते हुए संस्था सभी के सहयोग से इस संकट की घड़ी में जरूरतमंदों को लॉकडाउन के प्रथम दिवस से निशुल्क भोजन वितरण कर रही हैं। संस्था प्रमुख बंटी शर्मा ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि प्रवासी मजदूरों को इस संकट की घड़ी में सहयोग करें, भोजन उपलब्ध कराने एवं आवागमन को सुगम बनाने हेतु नयी चप्पल दान करें।
भोजन सेवा में प्रतिदिन शिशु शुक्ला, आशीष मेश्राम, संजय सेन, प्रकाश कश्यप, राजेन्द्र ताम्रकार, ईश्वर साहू, राकेश मिश्रा, दीपक धर्मगुढी, आकाश राजपूत, शुभम सेन, शंकर राउत, पूनम नागरे, कमल नामदेव, नितेश यादव, शब्बीर खान, समीर खान, दुर्गेश यादव, रवि राजपूत, एवं अन्य संस्था के सदस्य सेवा दे रहे हैं।