दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली एवं आई. आई. टी. खड़गपुर द्वारा संयुक्त रुप से स्थापित नेशनल डिजीटल लाइब्रेरी आफ इंडिया से दुर्ग विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएँ भी जुड़कर अनेक आॅनलाइन उपलब्ध सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। यह जानकारी देते हुए दुर्ग विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, छात्र कल्याण डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में विद्यार्थियों को बिना घर के बाहर निकले उनके पाठ्यक्रम से संबंधित उच्च स्तरीय पाठ्य सामाग्री उपलब्ध करवाने के प्रयास केंद्र एवं राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभागों द्वारा किए जा रहे हैं।
इसी श्रंखला में आई. आई. टी., खड़गपुर में स्थित नेशनल डिजीटल लाइब्रेरी आॅफ इंडिया प्रोजेक्ट के कम्प्यूटर साइंस विभाग के संयुक्त प्रधान अन्वेषक डाॅ. पार्य प्रतिम दास का पत्र कुलपति डाॅ. अरुणा पल्टा को आज प्राप्त हुआ। पत्र के अनुसार दुर्ग विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को नेशनल डिजीटल लाइब्रेरी आफ इंडिया में उपलब्ध महत्वपूर्ण पाठ्यसामाग्री का उपभोग करने हेतु सर्वप्रथम उसकी वेबसाइट पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
पंजीकरण के पश्चात् विद्यार्थियों को एक लाॅगइन पासवर्ड प्राप्त होगा, जिसकी सहायता से वे अपने कक्षा एवं पाठ्यक्रम के अनुसार वांछित पाठ्यसामाग्री का लाभ ले सकेंगे। पत्र केे अनुसार डिजीटल लाइब्रेरी में 400 विभिन्न भाषाओं में शैक्षणिक समाग्री उपलब्ध है। इनमें कोर्स मटेरियल के साथ-साथ प्रायोगिक कक्षाओं हेतु मोनोग्राफ, पीएचडी थीसिस, डिज़रटेशन आदि उपलब्ध हैं। इनमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विषयों के साथ सोशल साइंस संकाय के विषय जैसे इतिहास, राजनीति शास्त्र, भाषाएँ, गणित, लाइब्रेरी साइंस, अर्थशास्त्र, भूगोल, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान, भूविज्ञान आदि से संबंधित पाठ्यक्रम सामाग्री प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया कि खड़गपुर स्थित इस नेशनल डिजीटल लाइब्रेरी आफ इंडिया में एक सौ प्रकार के ई-रिसोर्स संसाधन जैसे वीडियो लेक्चर, आडियो लेक्चर पीडएफ फाॅर्मेट में नोट्स, एल्बम, बुक, आर्टिकल, प्रश्नपत्र, वेबकोर्स, डाटासेट आदि उपलब्ध हैं।
दुर्ग विश्वविद्यालय की कुलपति डाॅ. अरुणा पल्टा ने लाइब्रेरी की इस सुविधा का लाभ अधिक से अधिक उठाने हेतु विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले महाविद्यालयों के प्राध्यापकों, सहायक प्राध्यापकों, शोधविद्यार्थियों तथा स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों से आग्रह किया है। प्राध्यापकों द्वारा तैयार किए गए लगभग 200 से अधिक वीडियो लेक्चर को दुर्ग विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड करने की प्रक्रिया जारी रहने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए डाॅ. अरुणा पल्टा ने बताया कि आगामी शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों को शैक्षणिक सुविधाएँ प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय और प्रयास करेगा।