दुर्ग, 12 मई 2025:
मोबाइल गेम की लत और रिश्तों पर अंधा भरोसा एक महिला को भारी पड़ गया। महिला ने न सिर्फ कर्ज लेकर बल्कि अपने गहने बेचकर भी 7 लाख 50 हजार रुपए अपने देवर को दे दिए, जो बाद में उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी ठगी साबित हुई।
पुलिस प्रवक्ता पद्मश्री तंवर ने बताया कि पीड़ित महिला को मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेलने की आदत थी। वह अक्सर गेम खेलकर पैसे जीत रही थी। यह बात उसके देवर को पता चली तो उसने भाभी को सुझाव दिया कि वह उसके नाम से आईडी बनाकर गेम खेले। महिला ने उस पर भरोसा करते हुए देवर के दस्तावेजों से गेमिंग आईडी बना दी।

कुछ समय बाद देवर ने महिला को बताया कि उसके मोबाइल पर सीबीआई, इनकम टैक्स और ईडी के फोन और मैसेज आ रहे हैं। उसने कहा कि उसके नाम से ट्रांजेक्शन होने के कारण अब जांच एजेंसियां पीछे पड़ गई हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए अधिकारियों को पैसे देने होंगे।
डर और रिश्ते में भरोसे के चलते महिला ने कई लोगों से कर्ज लेकर और गहने बेचकर 7 लाख 50 हजार रुपए देवर को दे दिए। जब महिला ने कुछ समय बाद पैसे लौटाने की बात कही तो देवर ने पैसे देने से मना कर दिया। तब महिला को ठगी का अहसास हुआ और उसने थाने जाकर शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी देवर को गिरफ्तार कर लिया है।
पद्मश्री तंवर ने कहा कि यह मामला न सिर्फ साइबर फ्रॉड का है, बल्कि पारिवारिक विश्वास को तोड़ने वाला भी है। लोगों को ऑनलाइन गतिविधियों में सतर्क रहने और बिना जांच किसी को पैसे न देने की सलाह दी गई है।
