बलौदा (छत्तीसगढ़), 10 मई 2025:
ग्राम हरदी महामाया, थाना बलौदा के अंतर्गत, एक चौंकाने वाली आपराधिक घटना सामने आई है, जिसने न केवल ग्रामीणों को सहमा दिया, बल्कि पुलिस प्रशासन को भी सतर्क कर दिया है। यह घटना 08 मई 2025 की दरम्यानी रात को घटी, जब गांव के एक निवासी संतोष कुमार साहू ने कथित रूप से पेट्रोल छिड़ककर गांव में खड़ी कार, पिकअप वाहन, एक ठेला और एक मकान के छज्जे को आग के हवाले कर दिया।
🔥 घटनास्थल पर तबाही का मंजर
रात करीब दो से तीन बजे के बीच यह आगजनी की घटना घटी। ग्रामीण जब तक कुछ समझ पाते, तब तक आग ने गाड़ियों और ठेले को अपनी चपेट में ले लिया। मौके पर मौजूद लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक कार और पिकअप वाहन के टायर, तथा पिकअप की तालपतरी (तिरपाल) जलकर पूरी तरह नष्ट हो चुकी थी। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि आसपास के लोग घरों से बाहर निकल आए।

🧍♂️ प्रार्थी की त्वरित रिपोर्ट और पुलिस की कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही फागुराम देवांगन, निवासी ग्राम हरदी महामाया, ने थाना बलौदा पहुंचकर घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल अपराध क्रमांक 183/25, धारा 326(जी) भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की।
🔍 मौके का निरीक्षण और आरोपी का इकबाल-ए-जुर्म
जांच के दौरान पुलिस टीम ने घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया और आस-पास के गवाहों से पूछताछ की। कई लोगों ने बताया कि घटना के समय एक व्यक्ति को वहां संदिग्ध रूप से घूमते देखा गया था। संदेह के आधार पर संतोष कुमार साहू, निवासी हरदी महामाया को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।
पूछताछ के दौरान संतोष साहू ने अपराध करना स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि उसने जानबूझकर पेट्रोल डालकर आग लगाई थी। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उसने यह कदम किस उद्देश्य या प्रेरणा से उठाया।
👮♂️ गिरफ्तारी और न्यायिक रिमांड
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत और इकबाल-ए-जुर्म के आधार पर उसे विधिवत गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उसे न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
📢 गांव में दहशत, जांच जारी
घटना के बाद गांव में भय और आशंका का माहौल है। लोग अभी भी समझ नहीं पा रहे हैं कि संतोष साहू ने ऐसा क्यों किया। पुलिस अब घटना के पार्श्व कारणों की जांच में जुटी है, जिसमें आपसी रंजिश, मानसिक असंतुलन, या अन्य कोई व्यक्तिगत विवाद की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा।
🔚 निष्कर्ष
हरदी महामाया गांव की यह घटना न केवल एक आपराधिक मामला है, बल्कि ग्रामीण परिवेश में छिपे तनावों और मानसिक दबावों की ओर भी इशारा करती है। पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई प्रशंसनीय है,
