दमोह, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल की 2006 में हुई संदिग्ध मौत के मामले में बड़ा मोड़ आया है। इस मामले में आरोपित डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ एन जॉन कैम, जो कि दमोह के मिशन अस्पताल में सात मौतों का आरोपी है, को बिलासपुर पुलिस ने चार दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की। पूछताछ के बाद, डॉक्टर को वापस दमोह लाकर जेल भेज दिया गया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 मई को न्यायालय में होगी।
क्या था आरोप?
राजेंद्र शुक्ल की मौत का आरोप भी डॉक्टर यादव पर था। उनके परिजनों ने बताया कि 2006 में डॉ. यादव द्वारा गलत इलाज के कारण शुक्ल की मौत हो गई थी। इसके बाद बिलासपुर के सरकंडा थाना में डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मिशन अस्पताल में हुई सात मौतों के मामले में भी डॉ. यादव पर गंभीर आरोप हैं।

पुलिस की जांच में क्या सामने आया?
जब डॉ. नरेंद्र यादव को प्रयागराज से गिरफ्तार कर दमोह लाया गया था, तो उससे कई अहम जानकारी मिली। पूछताछ में डॉक्टर ने कहा कि उसे न्यायालय पर पूरा भरोसा है। जांच में यह भी सामने आया कि मिशन अस्पताल के कैथ लैब में हुई मौतों के बाद प्रशासन ने अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया था और अस्पताल को बंद कर दिया गया था।
अंतिम स्थिति
डॉ. नरेंद्र यादव को 1 मई को जेल भेजा गया था और बाद में बिलासपुर पुलिस ने चार दिन की रिमांड लेकर उसे वहां से लाया। अब उसे 14 मई को फिर से न्यायालय में पेश किया जाएगा।
