“पाक में तबाही मचाने के बाद चीन को भी करारा जवाब! ऑपरेशन सिंदूर पर फेक न्यूज़ फैलाने पर इंडिया का ग्लोबल टाइम्स को करारा झटका”

भारत ने चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स द्वारा “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर फैलाई जा रही फर्जी खबरों और भ्रामक प्रचार पर कड़ा ऐतराज़ जताया है। भारतीय दूतावास ने स्पष्ट किया कि ग्लोबल टाइम्स ने भारत के क्रूज़ मिसाइल हमलों के संदर्भ में पुरानी दुर्घटनाओं की तस्वीरें पेश कर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है।

ग्लोबल टाइम्स ने कुछ रिपोर्ट्स में IAF मिग-29 और मिग-21 की पुरानी दुर्घटनाओं की तस्वीरें उपयोग कीं, जो क्रमशः सितंबर 2024 (राजस्थान) और 2021 (पंजाब) की घटनाएं थीं। इन्हें चालाकी से मौजूदा “ऑपरेशन सिंदूर” से जोड़ने का प्रयास किया गया।

भारतीय दूतावास का कड़ा जवाब:
“डियर ग्लोबल टाइम्स, कृपया तथ्यों की पुष्टि करें और स्रोतों की जांच करें,” — यह जवाब भारतीय दूतावास ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया।
दूतावास ने कहा, “प्रो-पाकिस्तान सोशल मीडिया हैंडल बेबुनियाद दावे फैला रहे हैं, और जब मीडिया बिना पुष्टि के ऐसी खबरें चलाता है, तो वह पत्रकारिता की जिम्मेदारी और नैतिकता दोनों का उल्लंघन करता है।”

PAHALGAM हमला और ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि:
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान-प्रशिक्षित आतंकियों ने 26 भारतीय पर्यटकों की निर्मम हत्या की थी, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था। आतंकियों ने पहचान पूछकर एक खास समुदाय को निशाना बनाया और क्लोज रेंज से सिर में गोली मारकर हत्या की।

हमले की जिम्मेदारी “द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF)” ने ली थी, जो कि पाकिस्तान आधारित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का फ्रंट ग्रुप है। भारत ने TRF की भूमिका की जानकारी संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति को पहले ही दी थी।

ऑपरेशन सिंदूर: जवाबी हमला
इस हमले के बाद, भारतीय रक्षा बलों ने 24 प्रिसीजन क्रूज़ मिसाइल स्ट्राइक करके 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। ये ठिकाने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में स्थित थे।
निशाने पर आए स्थान:
मुझफ्फराबाद, कोटली, बहावलपुर, रावलाकोट, चक्सवारी, भिंबर, नीलम वैली, झेलम और चकवाल।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस ऑपरेशन की सफलता पर सेना को बधाई दी और कहा कि “भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब अपने संवैधानिक अधिकार के तहत दिया है।”

भारत की दो टूक:
भारत ने चीन को आगाह किया है कि वह दुष्प्रचार से बाज आए और पत्रकारिता की जिम्मेदारी निभाए, न कि पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क का परोक्ष समर्थन करे।

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