“शिल्पकला के रंग बिखेरने को तैयार ‘आकार-2025’, छत्तीसगढ़ में फिर जगेगी लोकसंस्कृति की चेतना!”

रायपुर, 07 मई 2025: छत्तीसगढ़ की पारंपरिक शिल्प और लोककलाओं को संजीवनी देने के उद्देश्य से संस्कृति विभाग एक बार फिर लेकर आ रहा है – “आकार-2025”, एक विशेष कला प्रशिक्षण शिविर। यह शिविर 15 मई से 31 मई तक रायपुर के महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर, सिविल लाइन में दो पालियों में आयोजित होगा — सुबह 7 से 10 बजे और शाम 5 से 8 बजे तक।

इस प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभागियों को फाइन आर्ट, नाटक, स्केचिंग, कैनवास पेंटिंग, जूट शिल्प, मेहंदी आर्ट, गोदना कला, छत्तीसगढ़ी आभूषण निर्माण, ट्राइबल वुड आर्ट, और भरथरी गाथा, नाचा-लोकगीत, आदिवासी नृत्य-गीत, सेंड आर्ट, धान ज्वेलरी, ढोकरा शिल्प, वाद्य यंत्र निर्माण, टेराकोटा, तथा छत्तीसगढ़ी व्यंजन जैसी पारंपरिक विधाओं में दक्ष कला गुरुओं से प्रशिक्षण मिलेगा।

प्रशिक्षण हेतु पंजीयन शुल्क मात्र ₹200 रखा गया है, जो आकार प्रशिक्षण कार्यालय में जमा कर प्रशिक्षण आईडी कार्ड प्राप्त किया जा सकता है। दिव्यांग एवं अनाथ बच्चों के लिए विशेष छूट की व्यवस्था की गई है।

शिविर के अंत में प्रशिक्षणार्थियों द्वारा बनाई गई कृतियों की प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी और उन्हें प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा।

इच्छुक लोग अधिक जानकारी और आवेदन के लिए www.cgculture.in पर जा सकते हैं या संस्कृति विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। फोन से जानकारी के लिए 0771-2995629 और 2537404 पर संपर्क किया जा सकता है।

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