सरकार ने दिया 69 हजार करोड़ का रिवाइवल पैकेज, फिर भी बीएसएनएल कर्मचारियों को कर रहे वीआरएस के लिए मजबूर

अखिल भारतीय ऑल यूनियंस एंड एसोसिएसंस ऑफ बीएसएनएल के आह्वान पर कर्मचारियों ने एक दिवसीय भूख हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मियों का आरोप है कि लोकसभा में यूनियन केबिनेट ने बीएसएनएल को दूरसंचार क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा उतारने रिवाइवल पैकेज स्वीकृत किया है। इस पर क्रियान्वयन के बजाए कर्मियों को केवल वीआरएस देने का कार्य किया जा रहा।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। यूनियन के परिमंडल सचिव आरएस भट्ट ने बताया कि 23 अक्टूबर को यूनियन केबिनेट ने 69 हजार करोड़ का रिवाइवल पैकेज बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए स्वीकृत किया है। स्वीकृत राशि में से 4जी स्पेक्ट्रम, सावेरिन गारंटी बांड के जरिय 15 हजार करोड़ जुटाने दीर्घकालीन बांड जारी करने व बीएसएनएल प्रापर्टी के मोनेटाईजेशन से प्राप्त राशि से वीआरएस का भुगतान करने का निर्णय लिया गया था। केबिनेट की मंशा बीएसएनएल को लाभकारी बनाना था, लेकिन विगत 4 महीनों से केवल कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के काम को किया जा रहा है। भट्ट ने बताया कि इन परिस्थितियों में दिसंबर तक भी बीएसएनएल की 4जी सेवा शुरू होने की संभावना नहीं है। सरकार का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराने एक दिवसीय आंदोलन किया गया।

इन पर भी है नाराजगी
परिमंडल सचिव ने बताया कि विगत 10 माहों से कांट्रेक्ट लेबरों का भुगतान नहीं हुआ है। कर्मचारियों को जनवरी माह का वेतन नही मिला है। कर्मचारियों के वेतन से काटी गई बैंक लोन, सोसायटी लोन, एलआईसी प्रीमियम, जीपीएफ, ईपीएफ की राशि को बीएसएनएल मेनेजमेंट ने जमा नही किया है। इस कारण कर्मचारियों को बैंक का नोटिस मिल रहा है। इससे भी कर्मचारियों में नाराजगी है।