फुड़ इंस्पेक्टर के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर 2 लाख रु. की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। नौकरी नहीं लगने पर रकम की वापसी के लिए आरोपी द्वारा दिया गया चेक बाउंस हो गया। इस मामले में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध पंजीबद्ध किया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। धोखाधड़ी के इस मामले को भिलाई-3 थाना क्षेत्र में लगभग 4 वर्ष पूर्व अंजाम दिया गया था। गनियारी निवासी दिलीप दशलहरे (34 वर्ष) नेे खुर्सीपार निवासी नागेन्द्र तिवारी को फुड़ इंस्पेकटर पद पर नौकरी लगाने के झांसे में आकर 2 लाख रु. की रकम दी थी। दिलीप के परिचित रविकांत मनहरे ने नागेन्द्र को 1 लाख 70 हजार रु. नौकरी लगाने के नाम पर दिए जाने की जानकारी दी थी। जिसके चलते दिलीप को नगेन्द्र पर विश्वास हो गया था। 5 अगस्त 2014 को रविकांत के घर पर नागेन्द्र तिवारी से मुलाकात हुई थी। जिसमें बताया गया कि नौकरी लगाने के लिए 3 लाख 50 हजार रु. लगेगा। 2 लाख पहले और 1 लाख 50 हजार हजार रु. नौकरी लगने के बाद दिए जाने की बात हुई। जिस पर विश्वास कर दिलीप ने 8 सितंबर 2014 को 1 लाक 20 हजार रु. नगद दे दिए। जिसके बाद 15 सितंबर 2014 को ज्वाइनिंग लेटर जल्द आने का हवाला देकर 80 हजार रु. की रकम वसूल ली।
लंबे समय तक नौकरी नहीं मिलने पर दिलीप द्वारा नागेन्द्र पर रकम वापसी के लिए दबाव बनाया जाने लगा। लगभग 4 वर्ष बाद 15 दिसंबर 2019 को नागेन्द्र तिवारी ने दिलीप को चेक प्रदान किया। बैंक में भुगतान के लिए लगाए जाने पर चेक राशि के आभाव में बाउंस हो गया। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस में की गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोप ीनागेन्द्र तिवारी के खिलाफ दफा 420 केतहत अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना में ले लिया है।