नई दिल्ली: 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाया गया है। इस ऐतिहासिक प्रत्यर्पण पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इसे “न्याय की दिशा में बड़ा कदम” बताया और अमेरिका के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की सराहना की।
जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच X पर लिखा, “हमारे दोनों देशों के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग की सराहना करता हूं। यह वाकई 26/11 हमलों के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

तहव्वुर राणा, जो पाकिस्तान में जन्मा कनाडाई नागरिक है, अमेरिका में न्यायिक हिरासत में था। भारत और अमेरिका के प्रत्यर्पण संधि के तहत कई सालों के प्रयासों के बाद उसकी भारत को सौंपने की प्रक्रिया पूरी हुई। वह अब भारत में 2008 के मुंबई हमलों में अपनी भूमिका के लिए कानूनी कार्यवाही का सामना करेगा।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भी भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “हमने तहव्वुर हुसैन राणा को भारत को सौंप दिया है ताकि वह 2008 के भयावह मुंबई आतंकी हमलों की योजना में अपनी भूमिका के लिए न्याय का सामना कर सके। यह दिन बहुत समय से प्रतीक्षित था।”
राणा के दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद, अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने भी बयान दिया कि अमेरिका ने राणा को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के लिए भारत को सौंपा है।
अमेरिकी न्याय विभाग ने भी इस मामले में बयान जारी कर कहा, “2008 के मुंबई हमले भारत के इतिहास में सबसे भयावह और विनाशकारी हमलों में से एक थे। राणा एक दोषी आतंकवादी है, और भारत में उसके खिलाफ कई गंभीर आरोप हैं।”
7 अप्रैल को एस. जयशंकर और रूबियो के बीच टेलीफोन पर बातचीत भी हुई, जिसमें उन्होंने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की मजबूती और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग को और गहरा करने की संभावनाओं पर चर्चा की।
इस प्रत्यर्पण को भारतीय खुफिया एजेंसियों और अमेरिकी अधिकारियों के वर्षों के निरंतर प्रयासों की बड़ी सफलता माना जा रहा है।
