कारोबार बढ़ाने के लिए ली गई उधारी रकम की वापसी के लिए बंद बैंक खाता चेक दिए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ दफा 420 के तहत जुर्म दर्ज किया है। मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मामला नगर कोतवाली क्षेत्र का है। सिंधी कालोनी निवासी रोहित सचदेवा (32 वर्ष) की स्टेशन रोड़ पर महेश टे्रडर्स नाम से दुकान है। अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए उसने खंडेलवाल कालोनी निवासी राजेश खंडेलवाल (52 वर्ष) से लगभग 2 वर्ष पूर्व 10 लाख रु. की रकम उधारी ली थी। इस रकम को वापस करने के लिए रोहित ने राजेश को 5-5 लाख रु. के दो चेक प्रदान किए थे। इन चेक से राशि को निकालने के लिए बैंक में जमा किए जाने पर जानकारी मिली कि संबंधित बैंक खाता बंद है। जिसके बाद रकम वापसी का तगादा किए जाने पर रोहित आनाकानी करने लगा। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस में की गई थी।
पुलिस द्वारा की गई मामले की पड़ताल में खुलासा हुआ कि रोहित द्वारा इस बैंक खाता को काफी अरसा पहले ही आवेदन देकर बंद करवा दिया गया था। इस बैंक खाता के लिए मिली चेक बुक के चेक खाता को बंद किए जाने की जानकारी होने के बाद भी को राजेश को दिए गए थे। छल करने की नियत से उधारी की रकम वापस करने बंद खाता के चेक दिए जाने का खुलासा होने पर पुलिस ने आरोपी रोहित सचदेवा के खिलाफ दफा 420 के तहत जर्म दर्ज कर लिया। मामले में आरोपी को सोमवार को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया गया। जहां से उसे न्यायायिक अभिरक्षा के तहत जेल भेज दिया गया है।