नई दिल्ली, 9 जनवरी 2025: केंद्र सरकार डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियम, 2025 को अधिसूचित कर इसे इस वर्ष के मध्य तक लागू करने की योजना बना रही है। यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को एक विशेष साक्षात्कार में दी।
विस्तृत विचार-विमर्श:
मंत्री ने बताया कि अब तक इस नियम के मसौदे पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया है और अधिकांश लोग इसके प्रावधानों से सहमत हैं। वैष्णव ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि अंतिम अधिसूचना में बड़े बदलाव होंगे, केवल कुछ मामूली सुधार किए जा सकते हैं।”
नियम का उद्देश्य:
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियम, 2025 का उद्देश्य भारत में व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करना है। यह नियम कंपनियों और संगठनों को डेटा संग्रह, भंडारण और उपयोग के स्पष्ट दिशानिर्देश प्रदान करेगा। साथ ही, नागरिकों को अपने डेटा पर अधिक नियंत्रण और सुरक्षा का अधिकार देगा।
डिजिटल युग में सुरक्षा की आवश्यकता:
डिजिटल इंडिया के तहत बढ़ते डेटा उपयोग को देखते हुए, सरकार ने इस नियम को एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। यह न केवल व्यक्तिगत डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित करेगा, बल्कि इसे गैर-इच्छित उपयोग और दुरुपयोग से भी बचाएगा।
क्या बदल सकता है:
विशेषज्ञों का मानना है कि अंतिम नियम में कुछ तकनीकी पहलुओं और कानूनी प्रक्रियाओं में सुधार किया जा सकता है, ताकि इसे और अधिक प्रभावी और व्यावहारिक बनाया जा सके।
नागरिकों और उद्योग के लिए फायदेमंद:
यह नियम आम नागरिकों को डेटा सुरक्षा का अधिकार देगा, जबकि व्यवसायों को अपनी डेटा नीतियों में पारदर्शिता और सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए प्रेरित करेगा।
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियम, 2025 भारत के डेटा सुरक्षा ढांचे में एक ऐतिहासिक कदम है। इसके लागू होने से भारत डिजिटल युग में अपनी डेटा सुरक्षा प्राथमिकताओं को मजबूत करेगा और नागरिकों को अधिक सशक्त बनाएगा।