मेरठ में ओयो के पार्टनर होटलों में ठहरने के लिए अब अविवाहित जोड़ों को अपने संबंध का प्रमाण प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, इस नई नीति की शुरुआत जनवरी से हुई है। अब जोड़ों को वैध दस्तावेज दिखाने होंगे, भले ही उन्होंने ऑनलाइन बुकिंग क्यों न की हो। ओयो ने अपने पार्टनर होटलों को भी यह अधिकार दिया है कि वे जोड़ों की बुकिंग को मना कर सकते हैं। कंपनी का कहना है कि यह कदम “स्थानीय सामाजिक संवेदनशीलताओं” के अनुरूप है।
फिलहाल यह निर्देश केवल मेरठ में लागू है, लेकिन इसे अन्य शहरों में भी विस्तारित किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है, “जमीन से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर, कंपनी इस नीति को अन्य शहरों में भी लागू करने पर विचार कर सकती है।”
कंपनी ने एक बयान में कहा, “ओयो को पहले भी मेरठ के नागरिक समूहों से इस मुद्दे पर कार्रवाई करने की मांग मिली थी। इसके अलावा, कुछ अन्य शहरों के निवासियों ने भी ओयो होटलों में अविवाहित जोड़ों के चेक-इन पर रोक लगाने की याचिका दी थी।”
ओयो नॉर्थ इंडिया के क्षेत्रीय प्रमुख पावस शर्मा ने पीटीआई से कहा, “ओयो सुरक्षित और जिम्मेदार आतिथ्य प्रथाओं को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता और निजी स्वायत्तता का सम्मान करते हैं, लेकिन साथ ही, हम अपने कार्यक्षेत्र के स्थानीय कानून प्रवर्तन और नागरिक समाज समूहों की आवाज सुनने और उनके साथ काम करने की जिम्मेदारी भी समझते हैं। हम इस नीति और उसके प्रभाव की समय-समय पर समीक्षा करते रहेंगे।”