न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन 16 से 20 मार्च तक भारत की ऐतिहासिक यात्रा पर रहेंगे। यह दौरा भारत-न्यूजीलैंड संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है। खास बात यह है कि लक्सन ने चीन से पहले भारत की यात्रा करने का निर्णय लिया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि न्यूजीलैंड भारत के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता दे रहा है।
पूर्व राजनयिक और प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित भव धिल्लों ने एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि यह कदम रणनीतिक रूप से बहुत अहम है। उन्होंने कहा, “न्यूजीलैंड का चीन के साथ व्यापार भारत की तुलना में लगभग 20 गुना अधिक है, लेकिन फिर भी न्यूजीलैंड भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर दे रहा है।”

लक्सन की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ावा देना है। वे भारत को एक संभावित व्यापारिक साझेदार के रूप में देखते हैं और इस दौरे के जरिए निवेश के लिए न्यूजीलैंड को एक आकर्षक गंतव्य के रूप में प्रस्तुत करेंगे।
रायसीना संवाद और व्यापारिक बैठकें
अपने भारत दौरे के दौरान, लक्सन 17 मार्च को 10वें रायसीना संवाद 2025 के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लेंगे और मुख्य भाषण देंगे। इसके अलावा, वे भारतीय व्यापार जगत के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय व्यापार को लेकर चर्चा करेंगे।
इस यात्रा में लक्सन के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी रहेगा, जिसमें मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, व्यापारी, मीडिया प्रतिनिधि और न्यूजीलैंड में बसे भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्य शामिल होंगे।
भारत-न्यूजीलैंड संबंधों में नए अवसर
भव धिल्लों ने इस यात्रा को भारत-न्यूजीलैंड संबंधों के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षा, पर्यटन और व्यापार के क्षेत्र में दोनों देशों के लिए अपार संभावनाएं हैं। भारत से न्यूजीलैंड जाने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत होंगे।
न्यूजीलैंड सरकार इस यात्रा के माध्यम से भारत को अपने क्षेत्र में व्यापारिक और निवेश संबंधी संभावनाओं को तलाशने के लिए आमंत्रित कर रही है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों को नई गति मिलने की उम्मीद है।
