नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के चुनाव के खिलाफ कार्यवाही पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह फैसला भाजपा नेता प्रेम प्रकाश पांडे की याचिका पर आया है, जिसमें उन्होंने यादव के चुनाव को चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
शुक्रवार को जस्टिस सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने भाजपा नेता प्रेम प्रकाश पांडे को नोटिस जारी किया। प्रेम प्रकाश पांडे ने भिलाई नगर निर्वाचन क्षेत्र से देवेंद्र यादव के चुनाव को अवैध बताते हुए चुनौती दी थी।
यादव की ओर से दिया गया तर्क
यादव की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा और अधिवक्ता सुमीर सोढ़ी ने तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने प्रेम प्रकाश पांडे की याचिका की स्वीकार्यता पर सवाल उठाने के बावजूद गलत तरीके से खारिज कर दिया। उन्होंने सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7, नियम 11 के तहत इस याचिका को अस्वीकार करने की गलती का हवाला दिया।
चुनाव को इस आधार पर दी गई थी चुनौती
भाजपा नेता प्रेम प्रकाश पांडे ने आरोप लगाया कि यादव ने नामांकन दाखिल करते समय सही जानकारी का खुलासा नहीं किया और कुछ तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया। यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ है और चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता था। प्रेम प्रकाश पांडे ने इसे भ्रष्ट आचरण करार देते हुए कहा कि देवेंद्र यादव का नामांकन गलत तरीके से स्वीकार किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया 2002 के फैसले का हवाला
प्रेम प्रकाश पांडे ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के एक फैसले में स्पष्ट किया था कि मतदाताओं को किसी भी उम्मीदवार के आपराधिक रिकॉर्ड और पृष्ठभूमि की जानकारी का अधिकार है। हालांकि, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने 5 जुलाई, 2024 को देवेंद्र यादव की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें प्रेम प्रकाश पांडे की याचिका की स्थिरता पर सवाल उठाया गया था।
अगली सुनवाई पर टिकी नजरें
अब सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद मामला आगे की सुनवाई के लिए खुला रहेगा। इस फैसले से छत्तीसगढ़ की राजनीतिक हलचल तेज हो सकती है और इस कानूनी लड़ाई का असर आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है।
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