सुप्रीम कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य आरोपियों को 2002 के रंजीत सिंह हत्या मामले में नोटिस जारी किया है। यह नोटिस सीबीआई द्वारा पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के बाद जारी किया गया। हाई कोर्ट ने इस मामले में राम रहीम और उनके सह-आरोपियों को बरी कर दिया था।
केस की सुनवाई
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने यह मामला जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
रंजीत सिंह हत्या मामला
10 जुलाई 2002 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र स्थित खानपुर कॉलोनी में रंजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रंजीत सिंह, जो डेरा के पूर्व मैनेजर थे, पर आरोप था कि उन्होंने एक गुमनाम पत्र के प्रसार में भूमिका निभाई थी। इस पत्र में डेरा मुख्यालय सिरसा में महिलाओं के यौन शोषण के आरोप लगाए गए थे, जिससे बड़ा जनाक्रोश पैदा हुआ था।
सीबीआई कोर्ट का फैसला
2021 में पंचकूला की एक विशेष सीबीआई अदालत ने गुरमीत राम रहीम और चार अन्य – अवतार सिंह, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह को रंजीत सिंह की हत्या का दोषी ठहराया था। कोर्ट ने सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उन पर जुर्माना भी लगाया था।
- राम रहीम पर ₹31 लाख का जुर्माना
- सबदिल सिंह पर ₹1.50 लाख
- जसबीर सिंह और कृष्ण लाल पर ₹1.25 लाख प्रत्येक
- अवतार सिंह पर ₹75,000
हाई कोर्ट का फैसला
मई 2024 में, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए सभी पांचों आरोपियों को बरी कर दिया।
अन्य मामलों में भी शामिल हैं राम रहीम
गुरमीत राम रहीम ने अपने खिलाफ दर्ज सभी मामलों, जिसमें पत्रकार राम चंदर छत्रपति की हत्या और दो महिला अनुयायियों के साथ दुष्कर्म के मामले शामिल हैं, में अपील की है।
2017 का दुष्कर्म मामला और हिंसा
2017 में राम रहीम को दो महिला अनुयायियों के साथ दुष्कर्म के आरोप में दोषी ठहराया गया था। इस फैसले के बाद हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में हिंसा भड़क उठी, जिसमें 30 लोगों की मौत हो गई और 250 से अधिक लोग घायल हो गए। हालात को नियंत्रित करने के लिए सेना को बुलाना पड़ा था।
सुप्रीम कोर्ट के इस मामले में सुनवाई के बाद आगे की कार्रवाई का फैसला होगा।