हाईकोर्ट में रखा गया पक्ष, हड़ताल से संबंधितों को शपथ पत्र दाखिल करने के दिए गए निर्देश, विवाद फैमिली कोर्ट शिफ्टिंग का

जिला न्यायालय परिसर से फैमिली कोर्ट के शिफ्टिंग विवाद का हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद पटाक्षेप हो गया है। मंगलवार को संबंधित पक्षों द्वारा हाइकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा गया। जिस पर सुनवाई के बाद हाइकोर्ट ने उन्हें शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले पर अगली सुनवाई तिथि 28 जनवरी निर्धारित की गई है। वहीं अधिवक्ताओं को व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए फैमिलि कोर्ट के संचालन की व्यवस्था जल्द से जल्द जिला न्यायालय परिसर के समीप किए जाने का आश्वासन दिया गया है।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। फैमिली कोर्ट शिफ्टिंग विवाद को लेकर पिचले एक सप्ताह से जारी गतिरोध समाप्त हो गया है। हालांकि इस मामले पर हाइकोर्ट द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद व राज्य अधिवक्ता संघ की पहल पर स्थानीय अधिवक्ताओं ने सोमवार की शाम अपनी हड़ताल को वापस ले ली थी। मंगलवार को हाइकोर्ट द्वारा जारी किए गए शो-कॉज नोटिस पर जिला अधिवक्ता संघ की ओर से संदीप दुबे द्वारा पक्ष रखा गया। जिसमेंं 17 जनवरी को न्यायालय परिसर में हुए हंगामें पर खेद जताते हुए अधिवक्ताओं की हड़ताल को लेकर जारी प्रोसिडि़ंग को ड्राप किए जाने का अनुरोध किया गया। साथ बताया गया अधिवक्ता संघ ने सोमवार को मिटिंग लेकर हड़ताल वापस लिए जाने की घोषणा भी कर दी गई है। वहीं राज्य अधिवक्ता संघ की ओर से अधिवक्ता शेलेन्द्र दुबे ने हाइकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए आंदोलनकारी अधिवक्ताओं के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं किए जाने की अपील की। एडवोकेट जनरल एस.सी. वर्मा ने हाइकोर्ट को बताया कि हड़ताल व हंगामे को देखते हुए न्यायालय परिसर में स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इसके साथ ही न्यायालय परिसर से हड़तालियों द्वारा लगाए गए पंडाल के साथ अन्य सामान को हटा दिया गआ है। वहीं अधिवक्ता संघ द्वारा हड़ताल वापस ले लिए जाने के बाद न्यायलयीन कार्य सुचारु रुप से संचालित हो रहा है।
डिस्ट्रिक कोर्ट के समीप ही संचालित होगा फैमिली कोर्ट
एडवोकेट जनरल ने हाइकोर्ट को बताया कि फैमिली कोर्ट की शिफ्टिंग से होने वाली व्यवहारिक दिक्कतों को देखते हुए इस कोर्ट को जिला न्याायलय परिसर के समीप संचालित किए जाने पर प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है। इसके लिए नगर निगम के प्रशासनिक भवन तथा बीएसएन एल के आवासीय परिसर के स्थान को चिंहित किया गया है। जल्द ही अधिगृहण की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी जाएगी। साथ ही कहा कि अधिगृहण में तकनीकी दिक्कत आने पर किराए पर भवन को लेकर फैमिली कोर्ट को जिला न्यायालय परिसर के समीप जल्द से जल्द संचालित किए जाने का प्रयास किया जाएगा।
अधिवक्ता संघ ने सौंपा प्रतिवेदन
मामले की सुनवाई के बाद अधिवक्ता संघ ने एडवोकेट जनरल एस.सी . वर्मा तथा दुर्ग प्रभारी जस्टिस एमएम श्रीवास्तव को एक प्रतिवेदन सौंपा। प्रतिवेदन में डिस्ट्रिक कोर्ट की पुरानी बिल्डिंग को ध्वस्त किए जाने से पूर्व अधिवक्ताओं के लिए बैठक व्यवस्था बीएसएनएल आवासीय परिसर में किए जाने की अपील की गई है।