छत्तीसगढ़ में 6,600 करोड़ रुपये के बिटकॉइन घोटाले की जांच तेज हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रायपुर स्थित गौरव मेहता के घर पर तलाशी अभियान पूरा किया। गौरव मेहता इस मामले में मुख्य गवाह और व्हिसलब्लोअर माने जा रहे हैं। तलाशी के दौरान ED ने तीन हार्ड डिस्क, एक पेन ड्राइव और तीन सॉफ्टवेयर डिज़ाइन डाक्यूमेंट्स (SDD) जब्त किए। इन सामग्रियों को मुंबई कार्यालय भेजा गया है, जहां फोरेंसिक जांच के बाद इन्हें अहमदाबाद और चंडीगढ़ के उन्नत केंद्रों में भी भेजा जा सकता है।
जांच का विस्तार और नए आरोप
साथ ही, CBI ने भी अपनी जांच तेज करते हुए गौरव मेहता से उनके घर पर पूछताछ की। यह पूछताछ पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्रनाथ पाटिल के नए आरोपों के बाद हुई, जिनमें उन्होंने गेन बिटकॉइन घोटाले में मेहता को अहम गवाह बताया।
पाटिल के अनुसार, महाराष्ट्र के राजनीतिक नेताओं सुप्रिया सुले और नाना पटोले ने मेहता से लोकसभा चुनावों के लिए बिटकॉइन को भुनाने की मांग की थी। आरोप है कि इन नेताओं ने मेहता को सुरक्षा का वादा करते हुए धन हस्तांतरण के निर्देश दिए। वहीं, महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले पर आरोप है कि उन्होंने 2019 और 2024 चुनावों में बिटकॉइन फंड के उपयोग की योजना बनाई।
भाजपा का हमला
बीजेपी प्रदेश महासचिव संजय श्रीवास्तव ने इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “महादेव ऐप केस से कांग्रेस सरकार के अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट्स से वित्तीय संबंध सामने आ चुके हैं। अब बिटकॉइन घोटाले ने बघेल सरकार की सच्चाई उजागर कर दी है।”
श्रीवास्तव ने कहा कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं और छत्तीसगढ़ में सक्रिय घोटालेबाजों के बीच संबंधों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने भूपेश बघेल पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कई घोटाले सामने आए हैं।
भ्रष्टाचार के मामलों की कड़ी
उन्होंने कहा, “छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने राज्य का राजस्व लूटने का काम किया। चाहे सौम्या चौरसिया, समीर विष्णोई या एजाज ढेबर के भाई अव्नर का मामला हो, भूपेश बघेल ने हमेशा इन्हें बचाने की कोशिश की है।”
बीजेपी ने मांग की है कि कांग्रेस को राज्य की जनता के सामने स्पष्ट करना चाहिए कि भूपेश बघेल और गौरव मेहता के बीच क्या संबंध हैं।