रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) को लेकर राजनीतिक घमासान एक बार फिर तेज हो गया है। योजना की हितग्राही सूची और वादों की सच्चाई पर अब कांग्रेस और बीजेपी के नेता एक-दूसरे को खुली चुनौती दे रहे हैं।
मंगलवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्य के पात्र परिवारों को 3 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवासों की सौगात देने जा रहे हैं। इससे पहले ही सियासी बयानबाजी चरम पर पहुंच चुकी है।

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कांग्रेस को ललकारते हुए कहा:
“मैं भूपेश बघेल और कांग्रेस के किसी भी नेता से कहीं भी चर्चा के लिए तैयार हूं। वे जगह बताएं, मैं वहां पहुंच जाऊंगा और समझा दूंगा कि हमने 18 लाख पीएम आवास के वादे को कैसे पूरा किया।”
डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि
“जब मैं आवास योजना की मांग करता था तो मेरी पीठ पर डंडे पड़े थे, लेकिन मैं झुका नहीं। आज केंद्र की मदद से लाखों लोगों को घर मिल रहे हैं।”
इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए इसे “चुनावी नौटंकी और दिखावटी राजनीति” करार दिया।
पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा:
“हमारी सरकार ने आचार संहिता से पहले ही 10 लाख पीएम आवासों की स्वीकृति दे दी थी। विजय शर्मा बताएं कि क्या 18 लाख में यही 10 लाख गिन रहे हैं?”
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने विजय शर्मा से बहस के मंच और समय पूछते हुए कहा कि
“अगर बहस करनी है तो जवाबदेही से भागें नहीं।”
पूर्व नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया ने भी केंद्र सरकार के दौरे और योजनाओं को राजनीतिक स्टंट बताया और आरोप लगाया कि
“प्रधानमंत्री आवास की अनुदान राशि भी कम कर दी गई है, जो गरीबों के साथ अन्याय है।”
कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ में पीएम आवास योजना अब सियासी चुनौती की जंग बन गई है, जहां आंकड़ों, घोषणाओं और आरोप-प्रत्यारोपों की बौछार हो रही है।
