दुर्ग नगर निगम पर हुआ कांग्रेस का कब्जा, 20 साल बाद हुई वापसी

नगरीय निकाय चुनाव के तहत सोमवार को हुए महापौर व सभापति के हुए निर्वाचन में दुर्ग नगर निगम में कांग्रेस ने बाजी मार ली है। महापौर पद पर धीरज बाकलीवाल तथा सभापति पद पर राजेश यादव निर्वाचित घोषित किए गए। अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली के तहत महापौर-अध्यक्ष के चुनाव के लिए सभी निर्वाचित पार्षदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कांग्रेस को महापौर पद के लिए 40 तथा सभापति पद के लिए 31 पार्षदों का साथ मिला है।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। कभी कांग्रेस का गढ़ समझे जाने वाले दुर्ग निगम में 20 साल बाद कांग्रेस की वापसी हुई है। इस निर्वाचन में कांग्रेस के 30, भाजपा के 16 अधिकृत प्रत्याशियों ने जीत हासिल की। वहीं 13 निर्दलियों के साथ 1 जोगी कांग्रेस के प्रत्याशी ने पार्षद पद पर जीत हासिल की है। महापौर – अध्यक्ष के चुुुनाव के दौरान मतदान से परिणाम की घोषणा तक गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, शहर विधायक अरूण वोरा, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप चौबे, शंकरलाल ताम्रकार, आर. एन. वर्मा मौके पर मौजूद रहे।

महापौर एकतरफा, तो सभापति को लेकर कशमकश
निर्वाचन में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी धीरज बाकलीवाल ने एक तरफा जीत हासिल की। वहीं सभापति पद पर कशमकश की स्थिति बन गई थी। यह स्थिति भाजपा की ओर से सभापति पद के लिए दावेदारी करने वाले अजय वर्मा के मैदान से हटने के बाद बनी। माना जा रहा है कि अधिकांश निर्दलियों का साथ राजेश यादव को नहीं मिला। धीरज ने जहां 60 में से 40 वोट तो सभापति पद के कांग्रेस की ओर से दावेदार राजेश यादव को 31 वोट मिले। इस प्रकार से राजेश यादव को धीरज के मुकाबले 9 निर्दलीय पार्षदों का कम साथ मिला।
निर्विरोध निर्वाचित हुए अपील समिति सदस्य
दुर्ग नगर निगम में अपील समिति के लिए 4 सदस्यों का निर्वाचन होना था। इस पद के लिए 4 ही पार्षदों ने दावेदारी पेश की थी। इस कारण सभी दावेदार निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए। निर्विरोध निर्वाचित अपील समिति के सदस्यों में मनीष बघेल (कांग्रेस), कविता तांडी (निर्दलीय), प्रकाश जोशी (जोगी कांग्रेस), नरेश तेजवानी (भाजपा) शामिल हैं।