कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 2010 के बाद बनाए गए सभी ओबीसी सर्टिफिकेट को निरस्त करने का आदेश दिया है, जो राज्य सरकार के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है। इस मामले को लेकर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री और ओबीसी का बड़ा चेहरा कृष्णा गौर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
कृष्णा गौर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बताया कि इस फैसले के बाद ममता बनर्जी की तुष्टिकरण करने वाली राजनीति का पर्दाफाश हो गया है। हाईकोर्ट के इस फैसले को मंत्री गौर ने राज्य में ओबीसी वर्ग के लिए की एक बड़ी जीत बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने यह सर्टिफिकेट गैरकानूनी और संवैधानिक तरीके से बनाए थे।
कृष्णा गौर ने कहा कि ममता बनर्जी की आरक्षण को लेकर बनाई गई नीतियां ओबीसी आबादी के हक पर एक कुठाराघात था। यह फैसला ओबीसी समुदाय के लिए न्याय की एक बड़ी जीत है, जो उन्हें उनके कानूनी अधिकारों के लिए लड़ने का नया उत्साह देगा।