दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मार्निंग वाक पर निकली किशोरी को घूमाने के बहाने साथ ले जाने और उससे जबरिया शारीरिक संबंध बनाने के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत ने अभियुक्त को कुल 13 वर्ष के कारावास और 10,100 के अर्थदण्ड से दंडित किया है। यह फैसला शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सरिता दास की अदालत में सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।
मामला उतई थाना क्षेत्र का है। दरअसल किशोरी की मां अभियुक्त नीरज महेश्वरी (लढ्ढा) 36 वर्ष से परिचित थी। जिसके कारण किशोरी भी अभियुक्त को पहचानती थी। घटना दिनांक 16 अक्टूबर 2021 की सुबह लगभग 4 बजे किशोरी मार्निंग वाक के लिए घर से निकली थी। काफी देर तक घर वापस नहीं आने पर उसकी मां को चिंता हुई और किशोरी की पतासाजी प्रारंभ की। किशोरी के सहेलियों से पूछने पर उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की। तब मां ने अपने परिचित नीरज महेश्वरी को फोन लगाया। नीरज ने बताया कि किशोरी उसके साथ है और शाम तक उसे वह घर छोड़ देगा।
जिसके बाद नीरज किशोरी को उसके घर के पास छोड़कर चला गया। घर पहुंचने पर किशोरी ने परिजनों के पूछने पर बताया कि मार्निंग वाक के. दौरान रास्ते में नीरज उसे मिला था और घुमाने का लालच देकर अपनी स्कूटी पर बैठा लिया था। जिसके बाद किशोरी को वह रायपुर स्थित एक होटल में ले गया। जहां कमरा बुक कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। यह जानकारी सामने आने के बाद परिजनों ने मामले की शिकायत पुलिस में की।
शिकायत के आधार पर पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर अभियुक्त को गिरफ्तार जेल भेज दिया था। किशोरी के शारीरिक चिकित्सकीय परीक्षण तथा विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया था। प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर कर अगवा करने और उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने का दोषी करार दिया।
प्रकरण के अभियुक्त नीरज महेश्वरी (लढ्ढा) 36 वर्ष को दफा 366 के तहत 3 वर्ष तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत 10 वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। इस मामले में गिरफ्तारी के बाद से अभियुक्त फैसला सुनाए जाने तक जेल में ही निरूद्ध है।