पॉक्सो कोर्ट का फैसला : नाबालिग का दैहिक शोषण करने का आरोपी पूरे प्राकृत जीवन काल के कारावास से दंडित

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। नाबालिग का दैहिक शोषण करने किए जाने के मामले में पॉस्को स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अभियुक्त को दोषी करार देते हुए पूरे प्राकृत जीवन काल के कारावास की सजा तथा कुल 11000 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है। इस मामले में अभियुक्त द्वारा दैहिक शोषण किए जाने का खुलासा परिजनों के सामने तीन माह बाद हुआ था। यह फैसला विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) सरिता दास की अदालत में गुरुवार को सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार साहू ने पैरवी की थी।

घटना पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र की है। 19 सितंबर 2021 की रात पीड़ित नाबालिग किशोरी खाना खाने के समय घर पर नहीं थी। जिसे ढूंढने उसकी मां निकली थी। गांव के स्कूल पास किशोरी मिली। उसके साथ गांव का युवक अमित कुमार साहू भी थी। किशोरी की मां को देखकर वह मौके से भाग गया। पूछताछ करने पर किशोरी ने बताया कि आरोपी ने डरा धमका कर उसे शारीरिक संबंध बनाने स्कूल के पास बुलाया था।

जिसके बाद किशोरी ने यह भी खुलासा किया कि इससे लगभग 3 माह पूर्व वह घर में अकेली थी तो 6 जून 2021 को घर में जबरन प्रवेश कर अमित ने उसके साथ जबरदस्ती की थी। जिसके एक सप्ताह बाद फिर से जबरिया शारीरिक संबंध बनाएं थे। घटना दिन को भी इसी उद्देश्य से युवक ने उसे स्कूल के पास बुलाया था।

इस बात का खुलासा होने पर पीड़ित के परिजनों द्वारा 24 सितंबर 2021 को पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज करायी। शिकायत के आधार पर किशोरी का चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया। अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था।

प्रकरण पर विचारण फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया गया। विचारण पश्चात विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ने अभियुक्त अमित कुमार साहू (23 वर्ष) को घर में बिना अनुमति प्रवेश करने तथा साढ़े 11 वर्षीय किशोरी का दैहिक शोषण करने का दोषी पाया। अभियुक्त को दफा 450 के तहत 5 वर्ष कारावास तथा पॉस्को एक्ट की धारा 5(ड) और 5(ढ) के आरोप में पॉस्को एक्ट की धारा 6 के तहत दो बार अजीवन (पूरे प्राकृत जीवन काल के लिए) कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है।