भिलाई (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ की स्टील सिटी भिलाई में आयोजित महिला समृद्धि सम्मेलन में शिरकत देने पहुंची कांग्रेसनेत्री प्रियंका गांधी ने यहां लगाए गए विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया गया। यह स्टाल छत्तीसगढ़ में महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार द्वारा प्रारंभ विभिन्न योजनाओं को रेखांकित कर रहे हैं। प्रियंका गांधी ने अवलोकन के दौरान महिलाओं से आत्मीयता के साथ मुलाकात भी की। उन्होंने उत्साहित महिलाओं के साथ सेल्फी भी ली। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीण उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने प्रारंभ सी-मार्ट की सराहना भी की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने क्षेत्रवासियों को 309.56 करोड़ रूपए के विकास कार्यों की दी सौगात दी।
प्रियंका गांधी के आज सबेरे छत्तीसगढ़ आगमन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। जिसके बाद दोनों भिलाई में आयोजित महिला समृद्धि सम्मेलन में शामिल होने जयंती स्टेडियम पहुंचे ।यहां उनका स्वागत छत्तीसगढ़ संस्कृति परंपरा के अनुसार राउत नाचा लोक नृत्य के साथ किया गया। सम्मेलन में लगे विभिन्न स्टॉलों का उन्होंने अवलोकन किया। छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों से प्रियंका गांधी ने चर्चा की।

उन्होंने महिलाओं द्वारा की जा रही आर्थिक गतिविधियों की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने रीपा में चल रही गतिविधियों की भी जानकारी ली। बता दें कि रीपा के माध्यम से उद्यम के नये अवसरों को बढ़ावा मिला है और ग्रामीण क्षेत्रों में पूरी अधोसंरचना के साथ उद्योग की गतिविधियां बढ़ रही हैं। उन्होंने अमारी फूल के रस के बारे में जानकारी ली। महिलाओं ने उन्हें संक्षेप में बताया कि इसका वे किस तरह उपयोग करती हैं।
उन्होंने खुर्सीपार में 10 करोड़ रुपए की लागत से प्रारंभ बीपीओ में कार्यरत महिलाओं से बात की। बीपीओ से बड़ी संख्या में महिलाओं को रोजगार मिला है। बीपीओ की महिलाओं से गांधी उनके कार्य की प्रकृति के बारे में पूछा। उल्लेखनीय है कि युवाओं के लिए अपने शहर में ही रहकर देश-दुनिया के अवसरों से जोड़ने बीपीओ की पहल की गई है। इससे युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। खासकर महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह बड़ी पहल है।

सराहा सी-मार्ट योजना को
सी-मार्ट शासन द्वारा प्रारंभ महत्वपूर्ण योजना है। इसके माध्यम से स्वसहायता समूहों द्वारा उत्पादित की गई वस्तुओं के लिए जगह उपलब्ध हो पाती है। भिलाई के सीमार्ट में प्रदेश भर की सामग्री है। गांधी को सीमार्ट से जुड़ी महिलाओं ने बताया कि छत्तीसगढ़ के यूनिक उत्पाद यहां मिलते हैं। दंतेवाड़ा के जैविक चावल से लेकर जशपुर की चाय तक सब कुछ छत्तीसगढ़ का स्पेशल यहां उपलब्ध है। प्रियंका गांधी ने इस पर खुशी जाहिर की और कहा कि स्थानीय उत्पादों की इस तरह से मार्केंटिंग कर इन्हें बाजार में अच्छी जगह दिलाने की पहल से निश्चित रूप से ही आर्थिक समृद्धि महिलाओं तक पहुँच रही है।

प्रियंका गांधी ने मिलेट्स कैफे की जानकारी समूह की महिलाओं से ली। समूह की महिलाओं ने मिलेट कैफे में तैयार होने वाले तरह-तरह के मिलेट्स निर्मित व्यंजनों की जानकारी दी। उन्होंने प्रियंका गांधी को बताया कि मिलेट कैफे में कोदो, कुटकी, रागी जैसे वनोपजों से पारंपरिक व्यंजनों के साथ ही तरह तरह के व्यंजन परोसे जाते हैं।

कुपोषण दूर करने किए जा रहे प्रयासों की ली जानकारी
स्टॉल अवलोकन के बीच समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, समृद्धि योजना, पोषण बाड़ी आदि अन्य योजनाओं की जानकारी विस्तार से दी। महिलाओं ने कुपोषण दूर करने के उपाय के संबंध में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रही है, जमीनी स्तर पर योजनाओं के प्रभावी संचालन से कुपोषण दूर हो रहा है।
हमर लैब, हाट बाजार क्लीनिक की ली जानकारी
प्रियंका गांधी ने हमर लैब, हाट बाजार क्लीनिक में चल रहे कार्यों का जायजा भी लिया। हमर लैब के स्टाल का डिस्प्ले भी देखा। हमर लैब के माध्यम से 55 टेस्ट निःशुल्क किये जा रहे हैं। इसमें से ऐसे बहुत से टेस्ट हैं जिनकी सुविधा केवल महानगरों में उपलब्ध होती है। इससे समय भी बच रहा है और पैसे भी। उन्होंने इस पहल की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक का स्टाल भी देखा। इसके माध्यम से हाट बाजारों में इलाज और निःशुल्क जांच भी हो रही है। छत्तीसगढ़ में परंपरा यह है कि लोग साप्ताहिक हाटबाजारों में जाते हैं और वहीं से इनका इलाज भी हो जाता है। प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रारंभिक रूप से ही बीमारियों को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की पहल बहुत अच्छी है।

जब प्रियंका गांधी ने किया सुवा नाच
छत्तीसगढ़ में सुवा नाच बेहद लोकप्रिय है। दीपावली के आसपास सुवा को एक टोकरी में रखकर महिलाएं यह नृत्य करती हैं। इसके माध्यम से वे अपने सुखदुख साझा करती हैं। सुवा गीत के माध्यम से वे अपनी आवाज की भी अभिव्यक्ति करती हैं और अपने समय के समाज के बारे में भी बताती हैं। तोते के जैसे हरे वस्त्रों में समूह में किया गया यह नृत्य बेहद आकर्षक होता है। प्रियंका गांधी ने जब यह नृत्य देखा तो वे भी सुवा नर्तकों के साथ समूह में शामिल हो गईं और साथ ही थिरकने लगीं।
