विकलांग दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ की बद्नीयती, मिली 10 साल की कैद

अपने घनिष्ठ दोस्त की नाबालिग बेटी के साथ बद्नीयति करने वाले अधेड़ को न्यायालय द्वारा 10 वर्ष के कारावास से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। पीडि़त नाबालिग का पिता दोनों पैर से विकलांग है। प्रकरण पर विचारण पश्चात न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने अभियुक्त को दफा 354 तथा पॉक्सों एक्ट की धारा 8 के तहत दोषी करार देते हुए यह फैसला सुनाया है। प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अति. लोक अभियोजक कमल किशोर वर्मा ने पैरवी की थी।

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। दोस्ती को कलंकित करनी वाली यह घटना जेवरा सीरसा पुलिस चौकी क्षेत्र में घटित हुई थी। 8 अप्रैल 2016 की देर रात आरोपी रमेश यादव (48 वर्ष) अपने दोस्त के घर घुस गया था। घर में उसका दोस्त जमीन पर तथा उसकी साढ़े ग्यारह वर्ष की बेटी खाट पर सो रही थी। रमेश खाट के नीचे जा घुसा और नाबालिग को जगाने का प्रयास करने लगा। नाबालिग के जागने पर उसे अश्लील इशारे करने लगा। घबरा कर नाबालिग ने शोर मचा दिया, जिससे उसके पिता की नींद खुल गई। नींद खुलने पर उसने अपने जिगरी दोस्त को बेटी की खाट के नीचे पाया। जिसके बाद आरोपी मौके से भाग गया था। मामले की शिकायत जेवरा सीरसा पुलिस चौकी में की गई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी रमेश यादव के खिलाफ दफा 354 तथा पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर उसे गिरफ्तार कर 9 अप्रैल 2016 को जेल भेज दिया था तथा प्रकरण को विचारण के लिए न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया था। आरोपी लगभग चार माह पश्चात 26 अगस्त 2016 को जमानत पर जेल रिहा हो गया था।
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाह तथा बचाव पक्ष की ओर से 2 गवाह पेश किए गए थे। प्रकरण पर विचारण पश्चात न्यायाधीश शुभ्रा पचौरी ने आरोपी रमेश यादव को नाबालिग के साथ बुरी नीयत से हरकत करने का दोषी पाया। न्यायाधीश ने अभियुक्त को दफा 345 के तहत 5 वर्ष के कारावास व 500 रु. के अर्थदंड तथा पाक्सों एक्ट की धारा 8 के तहत 5 वर्ष व 500 रु. अर्थदंड से दंडित किए जाने का फैसला सुनाया है। दोनों सजाए साथ साथ चलेगी।