लोक सेवा गारंटी योजना : समय-सीमा में सेवाएं उपलब्ध होने से जनता का शासन -प्रशासन के प्रति बढ़ा विश्वास

बेमेतरा (छत्तीसगढ़) अजीत राजपूत। लोक सेवा गारंटी अधिनियम का लाभ जनसामान्य को शासन-प्रशासन की संवेदनशीलता के कारण सहजता से मिल रहा है। सरकार की मंशा के अनुरूप सभी शासकीय कार्यालयों में लोकसेवा गारंटी के तहत् अधिसूचित सेवाएं समय-सीमा में उपलब्ध होने से शासन -प्रशासन के प्रति जन विश्वास भी बढ़ा है।

विगत ढाई वर्ष (1 जनवरी 2021 से 23 जुलाई2023) तक में 4,28,432 प्रकरण निराकृत हुए। इस दौरान सबसे ज़्यादा आवेदन बेमेतरा  विकासखंड के लोक सेवा केंद्रों में  तक़रीबन एक लाख आवेदन  प्राप्त हुए थे । जिले में लोक सेवा गारंटी अधिनियम लागू होने के बाद ज़िले में अब तक विभिन्न विभागों से लगभग 25 विषयों से संबंधित शुरुआत से अब तक कुल 8,38,814 आवेदन मिले थे । जिसमें से 7,68,343 आवेदन समय सीमा में निराकृत किए गए ।   इसमें से कुछ वापस और कुछ दस्तावेज़ों की कमी के कारण निरस्त हुए ।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम वर्ष 2011 से छत्तीसगढ़ राज्य में लागू किया गया है। प्रत्येक व्यक्ति को इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर यथा अधिसूचित नियत समय के भीतर छत्तीसगढ़ राज्य में लोक सेवा प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है।

ई.डिस्ट्रिक्ट मेनेजर महेंद्र वर्मा से मिली जानकारी अनुसार  बीते ढाई साल में  428432 आवेदन मिले। मुख्य तौर पर सबसे ज्यादा आय प्रमाण  पत्र 1,38161 मूल निवास प्रमाण पत्र 1,33,561,अन्य पिछड़ा वर्ग प्रमाण पत्र 1,05,355, जाति प्रमाण पत्र के 34858, लॉकडाउन छूटे ववैवाहिक कार्यक्रम आवेदन भुइयां से नकल (भूमि दस्तावेज) जन्म प्रमाण पत्र,सुधार, निराश्रित पेंशन आदि से संबंधित 16000 आवेदन मिले। जो निराकृत किए गए।
वर्तमान में 13529 आवेदन समय सीमा के भीतर लंबित है।जिसके निराकार की कार्रवाई प्रचलन में है। समय सीमा के बाद के एक भी प्रकरण लंबित नहीं है।  आवेदनकर्ताओं को पावती अवेदन की प्राप्ति भी दी जा रही है। वही प्राप्त आवेदनों की पंजी संधारित की जा रही। कार्यालयों में रोजगार गारंटी अधिनियम की जानकारी भी बोर्ड पर प्रदर्शित की जा रही है ।

बता दें कि शासन द्वारा सुशासन की धारणा को ध्यान में रख कर नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न विभागों ई.डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट की परिकल्पना कर राज्य में लागू किया है यह जिला प्रशासन की आंतरिक प्रक्रियाओं के स्वचालन के रूप में की गई है। यह परियोजना जिले के लिए सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि यह जिला प्रशासन के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक वर्कफ़्लो प्रणाली बनाने में मदद करेगी और कॉमन सर्विस सेंटर ; ऑनलाइन और इंटरनेट के माध्यम से कुशल व्यक्तिगत विभाग सेवाएं प्रदान करने में मदद करेगी।ई डिस्ट्रिक्ट परियोजना को राज्य में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत कार्यान्वित किया जा रहा है।
किसानों का गांव से शहर जाना बहुत कम ही होता है। अब चूंकि मानसून आ गया है ऐसे में खेतों में फसल लेने की तैयारियां शुरू हो गई है। इस दौरान जरूरी काम के लिए खसराए नक्शाए बी.-वन, बी-टू जैसे दस्तावेज के लिए लोक सेवा केंद्र पहुंचे थे। लोकसेवा केंद्रों में  आवेदन करने के महज आधे घंटे के भीतर ही हाथों में सभी प्रमाणित दस्तावेज मिल गया। किसान बताते है  कि पहले पटवारी तहसील का चक्कर लगाने के साथ ही अधिक रूपए भी खर्च करने पड़ते थेए लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने लोक सेवा गारंटी योजना को कड़ाई से लागू कर हम जैसे किसानों की मुश्किलें दूर कर दी है।किसान रमेश ने लोकसेवा केंद्र से नक्शाए खसरा, बी-वन, बी-टू की प्रमाणित प्रति निकलवाया था। उसने बताया कि लोक सेवा गारंटी अधिनियम से उसे भी मिनटों में बहुत ही कम शुल्क में प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध हो गये थे।
लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं का लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत समय सीमा एवं शुल्क संबंधित दस्तावेजों के आधार पर निर्धारित है। जाति प्रमाण पत्र हेतु समय सीमा 30 दिन एवं शुल्क तीस रूपये, निवास एवं आमदनी प्रमाण हेतु समय सीमा 30 दिन एवं शुल्क तीस रूपये, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र हेतु समय सीमा सात दिन एवं शुल्क 30 रूपयेए मीसल हेतु समय सीमा सात दिन शुल्क दस रूपये निर्धारित है। लोक सेवा केंद्रों में खसरा, नक्शा, बी-वन जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज आवेदन देने के साथ ही प्रदान किया जाता है। इसके लिए स्केनिंगए कंप्रेसिंग एवं प्रति पृष्ठ पांच रूपये की दर से प्रिंटिंग शुल्क लिया जाता है।