दुर्ग (छत्तीसगढ़)। मंत्रालय का अधिकारी बता कर लोगों को झांसा देने वाले आरोपी को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लिया है। आरोपी की दुर्ग पुलिस पिछले चार साल से तलाश कर रही थी। उस पर बेरोजगार युवकों को नौकरी का झांसा देकर मोटी रकम वसूल करने तथा कंपनी का फर्जी नियुक्त पत्र देने का आरोप है। पूछताछ में आरोपी ने भिलाई-दुर्ग सहित अन्य क्षेत्र के बेरोजगारों से इस माध्यम से लाखों रुपए की ठगी करने का खुलासा किया है।
पुलिस के अनुसार सरकंडा (बिलासपुर) निवासी नयन चटर्जी (46 वर्ष) के खिलाफ वर्ष 2019 में सुपेला थाना में ठगी की शिकायत दर्ज करायी गयी थी। शिकायत में बताया गया था कि आशीष नगर रिसाली निवासी भूपेन्द्र कुमार देशमुख तथा उसके दोस्त जगदीप साहू को नयन चटर्जी ने मंत्रालय का अधिकारी बता कर अपने झांसे में लिया था। भूपेंद्र को नगरनार बचेली स्थित एनएमडीसी मैं जूनियर इंजीनियर पद पर नौकरी लगाने रकम वसूली थी और फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया था। वहीं अपने दोस्त जगदीप साहू को रायपुर में सरकारी विपणन समिति मर्यादित में नौकरी लगाने का झांसा देकर रकम वसूली की थी, लेकिन नौकरी नहीं लगवाई। दोनों द्वारा अपनी रकम वापसी की मांग करने पर वह टाल मटोल करता रहा। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी नयन चटर्जी के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर पतासाजी प्रारंभ की थी।

लगभग चार साल बाद पुलिस को मुखबीर से सूचना मिली कि आरोपी मोपका सरकण्डा बिलासपुर में लुक-छिपकर रह रहा है। आरोपी के बारे में सूचना मिलते ही सुपेला पुलिस द्वारा तत्काल टीम गठित कर बिलासपुर रवाना किया तथा आरोपी को विवेकानंद कालोनी से घेराबंदी कर गिरफ्त में लिया गया। आरोपी से पुछताछ करने पर बताया कि प्रार्थी के अलावा भी अन्य कई लोगो से नौकरी दिलाने के नाम पर लाखो रूपये की ठगी किया है। आरोपी के खिलाफ दफा 420 के तहत कार्रवाई कर जेल भेज दिया गया है।
इस कार्यवाही में थाना सुपेला टीआई इंस्पेक्टर दुर्गेश कुमार शर्मा, एसआई लखेश गंगेश, एएसआई दिनेश सिंह, हेड कांस्टेबल राकेश राय, कांस्टेबल जुनैद सिद्धीकी, विकास तिवारी का विशेष योगदान रहा।
