दुर्ग (छत्तीसगढ़)। पत्नी की बेवफाई से नाराज होकर पत्नी की हत्या किए जाने के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत ने आरोपी पति को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास से दंडित किया है। यह फैसला सत्र न्यायाधीश संजय कुमार जायसवाल की अदालत में आज सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक बालमुकुंद चंद्राकर ने पैरवी की थी।
घटना मोहन नगर थाना क्षेत्र के नया आमापारा में घटित हुई थी। आरोपी आदेश बंसोड (44 वर्ष) का विवाह घटना से लगभग 12 वर्ष पूर्व सुजाता से हुआ। सुजाता महाराष्ट्र के तिरोडा (गोंदिया) की निवासी थी। शादी के कुछ सालों के बाद आदेश अपनी पत्नी सुजाता के चरित्र पर संदेह करने लगा था। आदेश को शक था कि उसकी पत्नी का किसी और के साथ भी संबंध है। घटना दिनांक 20 सितंबर 2020 की रात आदेश के परिवार के भी सदस्य खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहे थे। सुजाता अपने बेडरूम में चली गई थी। बेडरूम में पहुंचने पर आदेश ने मोबाइल पर अपनी पत्नी को किसी और से बात करते देखा। जिससे वह बिफर गया और घर में रखे हथौड़ा से सुजाता के सिर पर वार कर दिया। पत्नी को लहुलुहान छोड़कर वह बेडरूम से बाहर आया। वह हाल से चाबी लेकर भागने की कोशिश कर रहा तभी उसकी मां जाग गई। मां द्वारा पूछे जाने पर उसने घटना की जानकारी दी।
घायल सुजाता को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान दूसरे दिन 21 सितंबर 2020 को उसकी मौत हो गई। इस दरम्यान आरोपी आदेश फरार हो गया। मोहन नगर पुलिस ने आरोपी को 26 सितंबर 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था तथा आरोपी के खिलाफ दफा 302 का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया गया था।
प्रकरण पर विचारण जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में किया गया। विचारण पश्चात न्यायाधीश ने आरोपी आदेश को पत्नीहंता का दोषी करार दिया। प्रकरण के अभियुक्त आदेश बंसोड (44 वर्ष) को अदालत ने दफा 302 के तहत आजीवन कारावास व 5 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला दिया है। गिरफ्तारी के बाद से प्रकरण पर फैसला आने तक अभियुक्त जेल में ही निरूद्ध है।