राज्य शासन की सभी नागरिकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराए जाने की योजना केतहत गरीबी रेखा से ऊपर जीवन यापन करने वालें हितग्राहियों को राशन कार्ड (एपीएल) उपलब्ध कराए जाने के प्रति जिला प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है। नगरीय निकायों व खाद्य विभाग में तालमेल के आभाव में राशन कार्डो का वितरण अभी तक नहीं हो पाया है। जहां खाद्य विभाग द्वारा सभी एपीएल राशन कार्ड बना लिए जाने का दावा किया जा रहा है। वहीं नगरीय निकाय कर्मचारी कार्ड नहीं मिलने की हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे है। हितग्राही भटक रहे है।
दुर्ग (छत्तीसगढ़)। राज्य शासन की इस महती व जनहितैषी योजना पर अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे है। जिला के अधिकारी खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह द्वारा जारी निर्देशों के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। पिछले माह आयुक्त डॉ. सिंह ने समस्त कलेक्टरों को राशनकार्ड नवीनीकरण की डेटा एन्ट्री एवं राशनकार्ड वितरण करने के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए थे। निर्देश में कहा गया था कि राशनकार्ड में नाम जोडऩे, नाम त्रुटि सुधार करने, मुखिया सुधार करने, दावा-आपत्ति की एन्ट्री पूर्ण कराने एवं अप्राप्त आवेदनों की डेटा एन्ट्री 20 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से करा लिया जाए। इसके बावजूद खाद्य विभाग में ऋटि सुधार के लिए बीपीएल हितग्राहियों का लगा तांता अभी भी नजर आ रहा है। इसके अलावा नगरीय निकायों को अब तक एपीएल राशन कार्ड वितरण के लिए उपलब्ध नहीं कराए गए है। इन कार्ड की पीडीएफ फाइल वेब साइट में लोड़ करने का दावा कर खाद्य विभाग के जिम्मेदार हितग्राहियों इसे अपलोड करने की सलाह दे रहे है।
दुर्ग निगम ने लौटाए 21 हजार कार्ड
खाद्य विभाग द्वारा दुर्ग निगम द्वारा गरीबी रेखा से ऊपर जीवन यापन करने वालें लगभग 28 हजार हितग्राहीयों के फार्म खाद्य विभाग को सौंपे है। इनमें से 21 हजार कार्ड बना कर खाद्य विभाग द्वारा सोमवार को नगर निगम वितरण के लिए भेजे गए थे। इन एपीएल कार्ड की सहीं लिस्टिंग नहीं होने का हवाला देकर निगम के कर्मचारियों इनकी डिलीवरी लेने से इंकार कर दिया और कार्ड खाद्य विभाग को वापस भेज दिए गए।