नई दिल्ली । दिल्ली से लेकर हैदराबाद तक सड़कों पर आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक से लोग डरे हुए हैं। मासूम बच्चों को नोंचकर मार डालने की खबरों ने लोगों को हिलाकर रख दिया है। दिल्ली में बसंत कुंज के सिंधी कैंप में रहने वाले दो बच्चों को आवारा कुत्तों ने मार डाला। इस घटना से सभी स्तब्ध हैं।
वसंत कुंज में कुत्तों का ऐसा आतंक है, कि लोग हाथ में डंडा लेकर चलते हैं। इस इलाके में रोजाना सरकारी अस्पताल में 300 से ज्यादा कुत्ते काटने के मामले आ रहे हैं। इस बीच, गली-मोहल्ले में आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं के विरोध पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक अभियान के अध्यक्ष विजय गोयल ने 15 मार्च को जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। उनका कहना है कि आवारा कुत्तों के डर से लोग पार्कों में नहीं जा सकते। गली से बाहर निकलते ही कुत्ते भौंकने लगते हैं। विदेशी टूरिस्ट दिल्ली की सड़कों पर कुत्तों के डर से खौफ में हैं। चांदनी चौक की एक-एक गली में 20-20 कुत्ते हैं। कुत्तों के हमला करने की कई वजहें होती हैं। जब कुत्तों को लगता है कि उस कोई शख्स नुकसान पहुंचा सकता है, तब वह उसपर हमला कर सकता है। रही बात बच्चों की बच्चे वैसे ही कुत्तों को देखकर डर जाते हैं। जैसे ही बच्चे डरकर भागने लगते हैं या डरकर रुकते हैं, तब कुत्ते उनपर हमला कर देते हैं। आम तौर पर जानवरों में ये आम देखा गया है कि वहां बच्चों और बुजुर्गों पर हमला कर देते हैं। कुत्तों या आवारा जानवरों पर एक्शन होने पर जानवर प्रेमी लोग विरोध के लिए उतर आते हैं। इसके पीछे उनके कई तर्क होते हैं। पर बड़ा सवाल है कि क्या मासूमों की जान की कीमत पर कुत्तों या आवारा जानवरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाए? कई बार नगर निगम का दस्ता इन कुत्तों को पकड़ने के लिए आते हैं, तब उन्हें विरोध का भी सामना करना पड़ता है। इसके बाद एक उपाय ये हो सकता है कि इन कुत्तों को रेबिज के इंजेक्शन दिए जाएं। ताकि अगर ये किसी बच्चे या बड़ों को काटे तब किसी को कोई नुकसान नहीं हो। अब जानवर प्रेमियों से ये भी अपील है कि वहां जानवरों से प्यार करें लेकिन आम लोगों को उससे होने वाले खतरों को भी समझें।