दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रदेश भर में स्वसहायता समूहों द्वारा बनाये जा रहे अनूठे उत्पादों को सी-मार्ट में विक्रय के लिए रखा गया है। इन उत्पादों की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता के चलते जिला प्रशासन ने दुर्ग और भिलाई शहर के महत्वपूर्ण उद्यानों, शापिंग माल और साप्ताहिक बाजारों में उपलब्ध कराने के लिए सी-मार्ट आन व्हील्स चलाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने निगम आयुक्तों को स्थल चिन्हांकित करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने बैठक में कहा कि भिलाई के सी-मार्ट में प्रदेश के स्वसहायता समूहों द्वारा उत्पादित होने वाले सबसे अच्छे उत्पाद रखे गये हैं। बस्तर के कुछ ऐसे उत्पाद हैं जिनका उत्पादन वहीं पर होता है उसी तरह से सरगुजा एवं अन्य क्षेत्रों के उत्पाद हैं। सी-मार्ट आन व्हील्स के माध्यम से इसकी बिक्री हो सकेगी।
उन्होंने दुर्ग का उदाहरण देते हुए कहा कि सुबह-सुबह बड़ी संख्या में लोग राजेंद्र पार्क आते हैं। ये लोग अपनी सेहत के प्रति काफी जागरूक होते हैं। सी-मार्ट में अनेक ऐसे उत्पाद हैं जो स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से काफी अच्छे हैं। सीमार्ट आन व्हील्स की सुविधा उपलब्ध होने से ऐसे उपभोक्ताओं को भी लाभ मिल सकेगा और स्वसहायता समूहों की आय भी तेजी से बढ़ेगी। बैठक में भिलाई निगम आयुक्त रोहित व्यास, दुर्ग निगम आयुक्त लोकेश चंद्राकर सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
मोबाइल वैन के माध्यम से जैविक सब्जी कराई जाएगी उपलब्ध
कलेक्टर ने कहा कि जिले की हर बाड़ी में विशेष तरह की सब्जी का उत्पादन किया जा रहा है और सभी समूहों को निर्देश दिये गये हैं कि जैविक खाद का ही इस्तेमाल किया जाए। इन उत्पादों को एक जगह उपलब्ध कराने जैविक सी-मार्ट बन रहा है। इसके साथ ही मोबाइल वैन के माध्यम से भी इन बाड़ियों के उत्पाद को उपलब्ध कराया जाएगा। सीमार्ट आन व्हील्स की तरह इन्हें भी साप्ताहिक बाजारों में उपलब्ध कराया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जिले की बाड़ियों में अभी हर सप्ताह 78 क्विंटल सब्जी का उत्पादन आरंभ हो गया है और इनके विक्रय के माध्यम से समूह की महिलाएं फिलहाल डेढ़ करोड़ रुपए तक आय प्राप्त कर चुकी हैं।
नदी किनारे विकसित की जाएगी अमराई
जिले में फलोद्यान को बढ़ावा देने के लिए पांच फलों पर विशेष रूप से कार्य किया जा रहा है इन फलों में केला, पपीता, आम, अमरूद, ड्रैगनफ्रूट आदि हैं। आम के पौधों को बढ़ावा देने के लिए नदी किनारे 10 एकड़ पैच चिन्हांकित करने कलेक्टर ने निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सब्जी की बाड़ी अच्छी तरह से स्थापित हो गई है। अब फलोद्यान स्थापित करने के मिशन पर अब काम करना है। उन्होंने कहा इन फलोद्यान में एडवांस सिस्टम से काम होगा और ऐसी प्रजातियों का चुनाव किया जाएगा जिनके सबसे अच्छे नतीजे रहे हैं।
नगरीय गौठानों में गोपालन, मशरूम उत्पादन को बढ़ावा
कलेक्टर ने कहा कि नगरीय निकायों में माँग और आपूर्ति को देखते हुए काम करें। बड़े पैमाने पर मशरूम उत्पादन से इसकी अच्छी बिक्री की संभावनाएं बहुत बनेंगी क्योंकि शहरों में होटलों में मशरूम की काफी माँग रहती है। नगरीय निकायों में आरंभिक रूप से उच्च नस्ल की गायों का जहां पालन शुरू किया गया है वहां अच्छी खासी आय महिला समूहों द्वारा अर्जित की जा रही है। इस पर भी फोकस करते हुए काम करें।
मलेरिया रोकने महाअभियान
कलेक्टर ने कहा कि मलेरिया रोकने मच्छरों को समाप्त करने जड़ पर काम करना होगा। इसके लिए निगम की टीम, स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ सर्वे करेगी और मच्छरों के पनपने वाले स्थानों का चिन्हांकन कर समस्या को जड़ से दूर करने प्रयास करेगी। तालाबों में गम्बूजिया मछली पाली जाएंगी जो मच्छरों के लार्वा को खा जाती हैं।