धर्मांतरण के विरोध में बस्तर बंद का काफी असर, छावनी में तब्दील हुआ नारायणपुर, गिरफ्तारी के विरोध में धरना

नारायणपुर कांड में गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग को लेकर जगदलपुर में धरना

जगदलपुर (छत्तीसगढ़)। प्रदेश के नारायणपुर में धर्मांतरण को लेकर हुए बवाल के बाद गुरुवार को बस्तर संभाग बंद है। सातों जिलों में दुकानें और बाजार नहीं खुले हैं। कांकेर में सुबह दुकानें खुली थीं, लेकिन करीब 11 बजे उन्हें बंद करा दिया गया। बंद का आह्वान सर्व आदिवासी समाज और छत्तीसगढ़ आदिवासी समाज ने किया है। इसे चैंबर ऑफ कॉमर्स का भी समर्थन है। नारायणपुर को बंद से बाहर रखा गया था, लेकिन वहां भी इसका असर है। 

बता दें नारायणपुर के बखरूपारा में सोमवार को चर्च में तोड़फोड़ और फोर्स पर हमले के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। बंद को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स और जवान तैनात हैं। खासकर चर्च और मिशनरी संस्थानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। नारायणपुर में चार जिलों से फोर्स मंगवाई गई है। प्रदर्शन पर पूरी तरह से रोक है। जिले को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि चार आईपीएस को कमान सौंपी गई है। 

जिले की स्थिति को देखते हुए सर्व आदिवासी समाज ने यहां बंद स्थगित कर दिया था। बावजूद इसके दुकानों के शटर नहीं खुले हैं। यहां भी बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। जिले भर की व्यवसायिक प्रतिष्ठान सुबह से बंद हैं। आदिवासी समाज के बस्तर बंद को अघोषित रूप से नारायणपुर के व्यापारियों ने भी समर्थन दिया है। हालांकि आवागमन बाधित नहीं है। पुलिस की गाड़ियां लगातार मार्च कर रही हैं। 

चैंबर ऑफ कॉमर्स ने सुबह 9 बजे से अपराह्न 3 बजे तक दुकानें बंद रखने का निर्णय लिया है। कांकेर में सुबह 11 बजे तक दुकानें और बाजार खुले थे। इसके बाद इसे बंद करा दिया गया है। पुलिस ने शहर में पैदल मार्च निकाला है। जगदलपुर में प्रदर्शन जारी है। यहां नारायणपुर कांड में हुई गिरफ्तारी का विरोध किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी गिरफ्तारी आदिवासी नेताओं को रिहा करने की मांग कर रहे हैं। 

नारायणपुर उपद्रव के बाद आरोपियों की धरपकड़ जारी है। वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस ने अब तक 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से चार लोगों को आदिवासियों की बैठक में हमला करने के मामले में पकड़ा गया है। जांच में यह भी सामने आया है कि हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे। तमाम ऐसे लोग थे, जिन्हें दूसरे जिलों से बुलाया गया था। यह लोग हथियार लेकर पहुंचे थे। इनको बुलाने वालों की भी पहचान की जा रही है। 

उपद्रवियों के हमले में घायल हुए थे एसपी सदानंद कुमार

आपको याद दिला दें कि धर्मांतरण के विरोध में सोमवार को आदिवासी समुदाय के लोग प्रदर्शन के लिए बखरूपारा में एकत्र हुए थे। इस दौरान भीड़ ने चर्च पर हमला कर दिया और तोड़फोड़ शुरू कर दी। चर्च के पीछे स्थित स्कूल को भी नहीं छोड़ा। स्कूल की छुट्टी के समय भीड़ ने हमला किया। स्कूल में भी तोड़फोड़ की गई। टीचरों ने बच्चों को बचाने के लिए अंदर बंद कर दिया। एसपी समझाने पहुंचे तो उपद्रवियों ने हमला कर उनका ही सिर फोड़ दिया था।