रायपुर (छत्तीसगढ़)। राज्य के सीमावर्ती जिले मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की व्यवस्था पर कलेक्टर श्री पी.एस. ध्रुव के दिशा-निर्देशन में कड़ी निगरानी रखी जा रही है। धान के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए सीमावर्ती 10 स्थानों पर चेक-पोस्ट स्थापित किए गए है। कलेक्टर स्वयं धान खरीदी केन्द्रों का लगातार दौरा कर व्यवस्था का मुआयना और धान बेचने आए किसानों से चर्चा कर स्थिति से जानकारी ले रहे है। जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम भी धान खरीदी की व्यवस्था पर निगरानी बनाये हुए है।
कलेक्टर ध्रुव ने धान उपार्जन केन्द्र कोडा, कटकोना एवं बरदर का आकस्मिक निरीक्षण किया और वहां उपस्थित किसानों से चर्चा की। ग्राम फुनगा निवासी किसान रजलाल, कटकोना निवासी गुरुदयाल पंडो शम्भूदयाल उदित नारायण बरदर निवासी शिव नारायण सूरत सिंह धनराज बिहारी सिंह ने बताया कि उपार्जन केन्द्रों में सभी सुविधाएं मिल रही है।
कलेक्टर ने कोदो एवं कुटकी की खेती के बारे में किसानों से विस्तार से चर्चा की और कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की गई है। उन्होंने किसानों को इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित किया। ग्राम कटकोना की सरपंच श्रीमती भुनेश्वरी मरकाम ने रोजगार गारंटी योजना के तहत् गांव में संचालित रोजगारमूलक कार्यों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान खड़गवां के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजेश सेंगर एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कटकोना स्थित शासकीय उचित मूल्य दुकान का भी निरीक्षण किया गया एवं मौके पर उपस्थित हितग्राहियों से चावल, शक्कर, नमक, चना मिलने के संबंध में जानकारी ली। संचालनकर्ता महिला समूह द्वारा बताया गया कि ग्राम कटकोना में कुल 689 राशनकार्ड हैं, जिसमें से 649 हितग्राहियों के द्वारा राशन का उठाव कर लिया गया है। कलेक्टर ने इस मौके पर स्टॉक एवं वितरण पंजी का भी अवलोकन किया। उन्होंने सभी राशनकार्ड धारियों को निर्धारित मात्रा एवं मूल्य अनुसार खाद्यान्न हर माह उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि जिले में अब तक 23 उर्पाजन केन्द्रों में कुल 4 लाख 68 हजार 937 क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है, जिसमें से 75 प्रतिशत धान का उठाव मिलरों द्वारा किया जा चुका है। जिन खरीदी केन्द्रों में बफर लिमिट से ज्यादा धान उपलब्ध है, उन केन्द्रों में प्राथमिकता से ओव्हरराईड के माध्यम से डी.ओ. कटवाकर धान का उठाव कराया जा रहा है। सभी उपार्जन केन्द्रों में सतत् निगरानी हेतु नोडल एवं सहायक नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है।