नफरत में 4 साल के मासूम बच्चें की बेहरमी से पीट-पीटकर हत्या, सौतेले पिता को अदालत ने दिया आजीवन कारावास

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। युवती के पहले पति से उत्पन्न संतान की बेहरमी से पिटाई कर हत्या करने के मामले में अदालत ने सौतेले पिता के खिलाफ फैसला सुनाया है। अभियुक्त ने अपनी पत्नी के 4 साल के मासूम बच्चें की नफरत में निर्ममता पूर्वक पिटाई कर जान ले ली थी। इस मामले में अदालत ने अभियुक्त को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास और विभिन्न धाराओं के तहत कुल 1500 रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किए जाने का फैसला दिया है। यह फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार जायसवाल की अदालत में आज सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक बालमुकुंद चंद्राकर ने पैरवी की थी।

क्रूरता की हद को पार करने देने वाली यह घटना नेवई थाना क्षेत्र की है। मिनीमाता नगर नेवई बस्ती निवासी सलमा बेगम निर्ममता का शिकार हुए 4 साल के अपने बेटे के साथ आरोपी विजय बाराल उर्फ पुसय्या उर्फ अज्जू खान (28 वर्ष) के साथ बतौर पत्नी रहती थी। सलमा ने अपने पहले पति विजय श्रीवास्तव को छोड दिया था और कैंप 2 भिलाई निवासी विजय बराल के साथ घटना के तीन माह पहले से बस्ती में साथ रह रही थी। विजय श्रीवास्तव से पैदा सलमा बेगम का 4 साल का पुत्र सलमान भी साथ रहता था। विजय बराल सलमान को पसंद नहीं करता था और प्रायः सलमा पर सलमान को छोड़ देने का दबाव बनाता था। 29 फरवरी 2020 की रात लगभग 11 बजे विजय बराल घर आया और सलमान से गाली-गलौज करते हुए मारपीट करने लगा। विरोध करने पर उसने सलमा की भी पिटाई कर दी और सलमान को जान से मार देने की बात कही। जिसके बाद सलमान को बेहरमी से पीटते हुए उसे तीन-चार बार जमीन पर पटक दिया। जिससे सलमान बेहोश हो गया। बेहोश सलमान को पड़ौसियों की मदद से सलमा उतई अस्पताल ले गई। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

शिकायत पर पुलिस ने विजय बराल उर्फ पुसय्या उर्फ अज्जू खान के खिलाफ हत्या और मारपीट का जुर्म दर्ज कर 1 मार्च 2020 को उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। विवेचना पश्चात प्रकरण को विचारण के लिए अदालत के समक्ष पेश किया था। प्रकरण पर विचारण जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार जायसवाल की अदालत में पेश किया गया। प्रकरण पर विचारण पश्चात न्यायाधीश ने अभियुक्त विजय बराल उर्फ पुसय्या उर्फ अज्जू खान को मानव वध व मारपीट करने का दोषी करार दिया। अभियुक्त को दफा 302 के तहत आजीवन कारावास व दफा 323 के तहत एक वर्ष के कारावास से दंडित किया गया है। मामले गिरफ्तारी के बाद से अभियुक्त जेल में ही निरूद्ध है।

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