दुर्ग (छत्तीसगढ़)। अंडा थाना अंतर्गत ग्राम रूद्रा में पखवाड़े भर पहले बच्चे की मिली लाश की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। हत्या के इस मामले में चिंताजनक तथ्य सामने आए है। हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले भी दो बच्चे ही निकले और आरोपी मृतक के दोस्त थे। दोनों मृतक बालक के अच्छा कबड्डी खिलाड़ी होने के चलते जलन की भावना से ग्रसित थे और उसकी गाली-गलौज से नाराज थे। हत्या की इस गुत्थी को सुलझाने वाली टीम को एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने नगद ईनाम से पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
आपकों याद दिला दे कि ग्राम रूद्रा निवासी खिलेष्वर प्रसाद साहू ने थाना अण्डा में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसका नाबालिग पुत्र समीर साहू उर्फ संतु उम्र तकरीबन 10 वर्ष खेलने जाने की बात कहकर घर से निकला था, जो कि शाम को 06 बजे तक घर नही आया। आसपास पता तलाश किया पता नही चला। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर बालक की पतासाजी की जा रही थी इसी दौरान दिनांक 24 अक्टूबर को ग्राम रूदा में नर्सरी के पास में बालक समीर साहू उर्फ संतु का शव हाथ पैर रस्सी से बंधा हुआ, बोरे में भरा मिला।
इस सनसनीखेज घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुये पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज दुर्ग बद्रीनारायण मीणा के निर्देशन में एसपी डॉ.अभिषेक पल्लव द्वारा स्वयं घटना स्थल उपस्थित होकर घटना स्थल का अवलोकन किया गया। हत्या की घटना में संलिप्त अज्ञात आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी एवं पतासाजी करने हेतु आवश्यक निर्देश दिये। जिस पर एएसपी रूरल अनन्त साहू, सीएसपी (छावनी) प्रभात कुमार, एसडीओपी (पाटन) देवांश राठौर एवं डीएसपी क्राइम नसर सिद्विकी के मार्गदर्शन में एवं ए.सी.सी.यू प्रभारी निरीक्षक संतोष मिश्रा, थाना प्रभारी अण्डा निरीक्षक अम्बिका प्रसाद ध्रुव नेतृत्व में एण्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट दुर्ग की विषेष टीम का गठन किया गया।
टीम द्वारा घटना स्थल के आस-पास लगे सीसीटीव्ही कैमरों के फूटेज प्राप्त कर उनका सूक्ष्मता से अवलोकन प्रारंभ किया गया। लगभग 50 से अधिक मोबाईल नंबरों का सुक्ष्मता से विष्लेषण किया गया मृतक अपहृत बालक के परिजनों से विस्तृत पूछताछ कर आवश्यक जानकारी जुटाई गई, मृतक बालक के सहपाठी व साथ में खेलने वाले बच्चों से विस्तृत पूछताछ की गई साथ ही साथ मृतक बालक से संबंधित गांव के व आस-पास के गांव के तकरीबन 250 लोगो से पृथक-पृथक पूछताछ की गई। जिसके परिणाम स्वरूप टीम द्वारा संदेह के कुछ बिन्दु तय कर सिलसिलेवार उन बिन्दुओं के आधार पर पतासाजी की जा रही थी। घटना के बाद से लगातार अलग-अलग समय पर बार-बार पूछताछ कर कथन लिया जा रहा था।
पुलिस को गुमराह करते रहे अपचारी बालक
मृतक समीर को अंतिम बार गांव के ही उसके 02 नाबालिग साथियों के साथ देखा गया था। दोनो साथियों से लगातार अलग-अलग समय पर पूछताछ करने पर बता रहे थे कि खेलने के बाद मृतक समीर को रोड में छोड़कर हम अपने-अपने घर चले गये। किन्तु ग्रामिणों के कथन में उक्त तीनो दोस्तो को आते हुये देखने की बात नही आ रही थी। जबकि दोनों बालक गांव तक मृतक समीर के साथ आना बता रहे थे। जिससे टीम को संदेह हुआ। जिसके आधार पर मृतक के दोनो साथियों से पुनः पूछताछ की गई। तब उन्होंने बताया कि सीताफल तोड़ने की बात को लेकर गांव के ही एक बुजुर्ग दम्पत्ति द्वारा समीर साहू की हत्या कर दी गई है जिसे उन्होंने स्वयं देखा है। बालकों की यह कहानी भी झूठी निकाली।
यह थी हत्या की असल वजह
बालकों से सघन पूछताछ करने पर उनके द्वारा घटना का खुलासा करते हुये बताया गया कि दोनो, मृतक समीर साहू के साथ नियमित रूप से खेलते कुदते थे, मृतक समीर कबड्डी खेलने के दौरान अच्छा रेड करता था और इन दोनो को अक्सर गाली-गलौच करता था जिससे दोनो मृतक बालक से चिढ़ते थे, इन्ही कारणों से दिनांक 19 अक्टूबर को दोनो साथ मिलकर समीर की हत्या की योजना बनाई और अंजाम देने के लिए गांव के किराना स्टोर्स से प्लास्टिक की बोरा सिलने की रस्सी, सूजा और बोरे का इंतेजाम किये। 21 अक्टूबर को शाम को कबड्डी खेलने के बाद बाकी साथियों के घर चले जाने के बाद दोनो विधि के विरूद्ध संघर्षरत् बालक मृतक बालक समीर साहू को गांव के ही नर्सरी के तरफ ले गये और मुंह एवं नाक दबाकर सिर के पीछे पत्थर से वार कर हत्या को अंजाम दिया। जिसके बाद नर्सरी में छिपाकर रखे गये रस्सी से मृतक बालक के हाथ और पांव को बांध कर प्लास्टिक के बोरे में भरकर वही नर्सरी के पास छोड़कर सूजा व पत्थर वही आस-पास फेंककर अपने-अपने घर आ गये थे। दोनो विधि के विरूद्ध संघर्षरत् बालको के निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त बोरा सिलने का सूजा व पत्थर बरामद कर लिया गया है।
खुलासे में इनकी रही विशेष भूमिका
अंधे कत्ल की इस गुत्थी को सुलझाने में थाना अण्डा के एएसआई सुंदर लाल नेताम, दिनेश वर्मा, झग्गर सिंह टण्डन, चंद्रशेखर सोनी, महिला हेड कांस्टेबल जेस्मिका, हेड कांस्टेबल कमलेश साहू, धन्नू राम, कांस्टेबल अजय ढ़िमर, रामेश्वर कोमा, हिम्मत सिंह, भवानी जगत महिला कांस्टेबल तृप्ति ध्रुवे तथा एन्टी क्राईम एवं सायबर यूनिट के एएसआई पूर्णबहादूर, शमित मिश्रा, हेड कांस्टेबल चंद्रशेखर बंजीर, रोमन सोनवानी, कांस्टेबल पंकज चतुर्वेदी, राजकुमार चंद्रा, अश्विनी यदु, जुगनु सिंह, शहबाज खान, विक्रान्त कुमार, अनुप शर्मा की उल्लेखनीय भूमिका रही।