रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक नृत्य सुआ व राउत नाचा की गोवर्धन पूजा की धूम रही। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राउत नाचा के प्रभाव से खुद को रोक नहीं पाये और जमकर थिरके। मुख्यमंत्री निवास में बुधवार को गोवर्धन पूजा तिहार का आयोजन किया गया और कार्यक्रम के लिए मुख्यमंत्री निवास की साज-सज्जा, पारंपरिक ढंग से की गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपनी धर्मपत्नी मुक्तेश्वरी बघेल और परिवार के सदस्यों के साथ गौरा-गौरी और गोवर्धन पूजा की और गौमाता को खिचड़ी खिलाकर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की मंगलकामना की। छत्तीसगढ़ में गोवर्धन पूजा के दिन गायों की पूजा करने की परम्परा है। गायों को सजा-धजा कर उनकी पूजा कर खिचड़ी खिलाई जाती है और गोधन के रूप में अमूल्य चीजों के लिए श्रद्धा और आभार प्रकट किया जाता है। मुख्यमंत्री निवास परिसर में गोवर्धन एवं देवारी तिहार के अवसर पर महिला लोक कलाकारों ने छत्तीसगढ़िया वेशभूषा में मनमोहक सुआ नृत्य प्रस्तुत किया। जय मां सरस्वती समूह की महिलाओं ने सुआ नृत्य की शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस दौरान वहां धौराभांठा से आये कलाकारों ने छत्तीसगढ़िया वाद्य यंत्रों पर पारंपरिक वेशभूषा के साथ राउत नाचा की जोरदार प्रस्तुति की। मुख्यमंत्री अपने आप को नहीं रोक सके और राउत नाचा नर्तक दल के साथ वे भी पारंपरिक भेष-भूषा में दल में शामिल हुए। उन्होंने गाड़ा बजा की धुन पर नर्तक दल के साथ कदम से कदम मिलाकर नृत्य किया।
बता दें छत्तीसगढ़ में यादव समाज के लोग गोवर्धन पूजा के दिन गांवों और शहरों में राउत नाचा करते हैं। इस नृत्य में पशुधन की वृद्धि, फसल उत्पादन बढ़ाने की कामना के साथ ही सभी की मंगलकामना की जाती है। इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हमारे छत्तीसगढ़ में एक दूसरे के घर में दीपक पहुंचाने की परंपरा है। यह परंपरा लक्ष्मी पूजा से शुरू होती है, गौरा-गौरी पूजन और गोवर्धन पूजा तक इस परंपरा का निर्वहन होता है।
उन्होंने कहा, दीपावली, भगवान राम के अयोध्या आगमन के उत्सव का त्योहार है। इस त्यौहार के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। भगवान कृष्ण जो स्वयं एक क्रांतिकारी विचारक थे उन्होंने न केवल अपने विचारों से बल्कि कार्यों से भी पूरी दुनिया को संदेश दिया है। भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा को प्राथमिकता दी।
हमारी छत्तीसगढ़ सरकार भी गौ माता की सेवा करने का काम कर रही है। गोवंश के हित में हमारी सरकार लगातार हम कर रही है। आज पशुपालकों को भी इसका लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित इस उत्सव में शामिल होने के लिए दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी, बिलासपुर, कबीरधाम सहित पूरे प्रदेश के लोग पहुंचे थे।