एमएम कलबुर्गी हत्याकांड, 4 साल बाद चार्जशीट दाखिल

विख्यात साहित्यकार, विद्वान और शोधकर्ता डॉ. एमएम कलबुर्गी की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में विशेष जांच टीम द्वारा चार्जशीट दाखिल की गई है। मामले के सभी छह आरोपी प्रख्यात पत्रकार और कार्यकर्ता गौरी लंकेश की हत्या के भी आरोपी हैं और वे कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संगठन सनातन संस्था से जुड़े हैं।

बेंगलुरु (कर्नाटक)। डॉ. एमएम कलबुर्गी की गोली मारकर 30 अगस्त, 2015 को धारवाड़ के कल्याण नगर में उनके घर पर कर दी गई थी। मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने कर्नाटक के धारवाड़ जिले में उनके घर पर अज्ञात हमलावरों द्वारा विख्यात साहित्यकार, विद्वान और शोधकर्ता की गोली मारकर हत्या करने के लगभग चार साल बाद इस मामले में छह आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। अमोल काले (37), गणेश मिस्किन (27), प्रवीण प्रकाश चतुर (26), वासुदेव सूर्यवंशी (29), शरद कालस्कर (25), और अमित बद्दी (27) के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है। इस संबंध में बताया गया है कि इन्होंने एक अनाम संगठन के लिए काम किया, उनमें से छह को गौरी लंकेश हत्या मामले में आरोपी के रूप में भी नामित किया गया है। गौरी लंकेश मामले में दायर अतिरिक्त चार्जशीट में, इन लोगों को सनातन संस्था के सदस्यों के रूप में नामित किया गया। जो एक कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संगठन हैं। आरोपियों में से एक, अमोल काले पुणे से संबद्ध हिंदू जनजागृति समिति के पूर्व संयोजक हैं। इन सदस्यों ने सनातन संस्था द्वारा प्रकाशित पुस्तक क्षात्र धर्म साधना में उल्लेखित दिशानिर्देशों और सिद्धांतों का अनुसरण किया और नए सदस्यों की भर्ती की। आरोपियों के खिलाफ धारा 120 (बी) , 302, 449, 109, 201( r / w) तथा आर्म्स एक्ट की धारा 25 (1 ए) 25 (18) और 27 (1) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। जुलाई 2019 में, एमएम कलबुर्गी की पत्नी उमादेवी कलबुर्गी ने हत्या में शामिल हत्यारों में से एक के रूप में गणेश की पहचान की थी।
इस तरह रची थी साजिश
जनवरी और मई 2015 के बीच, अमोल काले, गणेश मिस्किन और प्रवीण चतुर ने हुबली में इंदिरा गांधी ग्लासहाउस में कई बार मुलाकात की। तीनों ने कलबुर्गी की दिनचर्या का अध्ययन किया और धारवाड़ में अपने घर और आस-पड़ोस का पता लगाया। अगस्त 2015 में, गणेश और प्रवीण ने अमोल के मार्गदर्शन में दक्षिण कन्नड़ के पिलाथाबेट्टु गांव में शूटिंग अभ्यास किया। 30 अगस्त, 2015 को तीनों हुबली में इंदिरा गांधी ग्लासहाउस में मिले, जहां अमोल ने गणेश और प्रवीण को 7.65 मिमी की कैलिबर वाली देसी पिस्तौल सौंपी। इसके बाद दोनों सुबह लगभग 8:30 बजे चोरी की बाइक पर कलबुर्गी के आवास पर गए। जांच अधिकारियों ने कहा कि गणेश ने घर में घुसकर कलबुर्गी को अपने माथे पर दो बार गोली मारी।
अंधविश्वास विरोधी बयानों के बाद रची साजिश
जांच अधिकारियों के अनुसार आरोपी व्यक्तियों ने 9 जून, 2014 को बेंगलुरु में दिए गए भाषण के बाद कलबुर्गी को मारने की साजिश रचनी शुरू कर दी थी। अपने संबोधन में, कलबुर्गी ने यूआर अनंतमूर्ति द्वारा लिखी गई एक पुस्तक के एक अंश का उल्लेख किया था और विशेष रूप से मूर्ति पूजा के बारे में कुछ विशेष टिप्पणियां की थीं। जिसके बाद कलबुर्गी के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदुत्ववादी संगठनों ने अभियान चलाया था। उनका पुतला जलाया था और गिरफ्तारी की मांग की थी।