बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के यात्रियों को एक बार फिर रेलवे की तरफ से झटका लगा है। बिलासपुर मंडल के झलवारा स्टेशन पर नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य के चलते दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने 1 से 8 जून तक 18 ट्रेनों को रद्द करने का फैसला लिया है। यह निर्णय मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों के हजारों यात्रियों की यात्रा योजना पर असर डालेगा।
रेलवे द्वारा रद्द की गई ट्रेनों में भोपाल-बिलासपुर, अंबिकापुर-जबलपुर, लखनऊ-रायपुर, दुर्ग-अजमेर और दुर्ग-नवतनवा जैसी प्रमुख ट्रेनें शामिल हैं। यह रद्दीकरण ऐसे समय में हो रहा है जब गर्मी की छुट्टियों में यात्रियों की भीड़ सामान्य दिनों की तुलना में कहीं अधिक होती है।

कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं, सिर्फ ‘खेद’
यात्रियों की परेशानियों के बावजूद रेलवे ने अभी तक किसी ठोस वैकल्पिक व्यवस्था की घोषणा नहीं की है। यात्रियों को केवल NTES ऐप या 139 हेल्पलाइन से जानकारी लेने की सलाह दी गई है। इससे यात्रियों में निराशा और असंतोष बढ़ता जा रहा है।
यात्री संघों में नाराजगी, भेदभाव का आरोप
दैनिक रेल यात्री संघ के अध्यक्ष अश्वनी शुक्ला ने रेलवे पर आरोप लगाया है कि वह सिर्फ प्रीमियम ट्रेनों और मालगाड़ियों को प्राथमिकता दे रहा है, जबकि लोकल और पैसेंजर ट्रेनों को बार-बार रद्द किया जा रहा है। उन्होंने कहा,
“आम यात्रियों की अनदेखी अब बर्दाश्त से बाहर हो रही है। प्रशासन दोहरी नीति अपना रहा है।”
इन्फ्रास्ट्रक्चर कार्य के कारण बड़ा फेरबदल
रेलवे के मुताबिक यह रद्दीकरण IRCON द्वारा कटनी ग्रेड सेपरेटर लाइन और सिंगरौली टाई लाइन को जोड़ने के लिए जरूरी है। यह कार्य रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में अहम है, लेकिन यात्रियों के लिए बिना किसी वैकल्पिक योजना के इसे लागू करना प्रशासनिक लापरवाही माना जा रहा है।
कुछ गाड़ियां डायवर्ट होकर चलेंगी
बरौनी-गोंदिया (15231) और गोंदिया-बरौनी (15232) एक्सप्रेस को जबलपुर-नैनपुर-बालाघाट के वैकल्पिक मार्ग से चलाया जाएगा, लेकिन इसकी जानकारी भी सीमित स्तर पर दी गई है, जिससे यात्रियों को भ्रम और असमंजस का सामना करना पड़ रहा है।
रेलवे की सलाह – सतर्क रहें यात्री
रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा पर निकलने से पहले NTES ऐप या 139 नंबर पर कॉल कर अपनी ट्रेन की स्थिति की पुष्टि करें। अलर्ट रहकर ही इस असुविधा से बचा जा सकता है।
