दुर्ग में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी दंपत्ति गिरफ्तार, फर्जी दस्तावेजों से बना रखे थे आधार-पैन कार्ड

दुर्ग, 18 मई 2025
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से एक गंभीर घुसपैठ का मामला सामने आया है, जहां अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी पति-पत्नी को एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी फर्जी नामों और दस्तावेजों के आधार पर भिलाई में रह रहे थे और कई बैंकों में खाते भी खुलवा चुके थे।

16 मई को मिली सूचना पर की गई कार्रवाई
एसटीएफ को सूचना मिली थी कि सुपेला थाना क्षेत्र के कांट्रेक्टर कॉलोनी में एक मकान में संदिग्ध दंपत्ति रह रहे हैं। पुलिस ने तुरंत दबिश दी और वहां रहने वाले व्यक्ति और महिला से पूछताछ की। शुरू में उन्होंने ज्योति और रासेल शेख के नाम बताए, लेकिन गहन पूछताछ में महिला ने अपना असली नाम शाहीदा खातून और पुरुष ने अपना नाम मोहम्मद रासेल शेख बताया।

दोनों बांग्लादेश के जेस्सोर जिले के झीकार गाछा थाना अंतर्गत ग्राम बाला के निवासी हैं। पूछताछ में पता चला कि शाहीदा खातून 2009 में अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुकी थी और पश्चिम बंगाल होते हुए मुंबई जाकर मजदूरी कर रही थी, जहां उसकी मुलाकात रासेल से हुई।

बाद में वे दोनों बांग्लादेश लौटे और वहीं विवाह किया। इस बार 2017 में पासपोर्ट और वीज़ा के माध्यम से भारत आए, लेकिन 2018 में वीज़ा समाप्त हो जाने के बावजूद यहीं अवैध रूप से रह रहे थे

फर्जी दस्तावेजों से की पहचान की चोरी
दोनों ने फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बनवा लिए थे। भिलाई में कई बैंकों में फर्जी पहचान से खाता भी खुलवा चुके थे। मकान मालिक को जब उनके दस्तावेजों पर शक हुआ, तो उसने पुलिस को सूचना दी।

जांच में ये भी सामने आया है कि आरोपी पहचान छुपाकर स्थानीय लोगों की तरह जीवन यापन कर रहे थे, जो सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी चूक है।

एसटीएफ की कार्रवाई जारी
एसटीएफ अब इस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और यह पता लगाने में जुटी है कि इन आरोपियों के साथ और कौन-कौन लोग नेटवर्क से जुड़े हैं। राज्य सरकार ने अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की पहचान कर कार्रवाई के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है। यह इस टास्क फोर्स की पहली बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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